सूरजपुर । सूरजपुर जिले में मिट्टी धंसने से देर शाम पांच बजे 6 मजदूर फंस गए थे। तीन मजदूर किसी तरह बाहर निकल गए, लेकिन बाकी तीन फंसे हुए थे। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था, अब करीब 12 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद जानकारी मिली कि तीनों मजदूरों की मौत हो गई है। तीनों मजदूरों की मौत पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दुख जताते हुए, उनके परिवारों को मुआवजा देने के निर्देश भी दििये।
कुंए की मिट्टी धसकने से तीन श्रमिकों की मृत्यु पर मुख्यमंत्री बघेल ने गहरा दुुख व्यक्त किया । मुख्यमंत्री के निर्देश पर सूरजपुर जिला प्रशासन ने तीनों मृत श्रमिकों के परिवारजन को 5.25-5.25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की ।
परिवारों को मिलेंगे 5.25 लाख-5.25 लाख
प्रदेश की CM भूपेश बघेल ने तीनों की मृत्यु पर दुख जताते हुए उनके परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया। तीनों मृत श्रमिकों के परिवार वालों को 5.25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। CM ने सूरजपुर कलेक्टर को निर्देश जारी कर मजदूरों के परिजनों को तत्काल राहत राशि देने की बात कही है। जानकारी मिली है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सहदेव भी घटनास्थल पर पहुंच सकते हैं।
ये है पूरा मामला
सूरजपुर जिले के धरसेड़ी गांव में ‘नरेगा योजना’ के तहत कुआं खुदाई का काम जारी था। यहां 13 मजदूर काम कर रहे थे, 7 कुएं के ऊपर और 6 कुएं के अंदर। शनिवार देर शाम अचानक मिट्टी धंस गई, कुएं के ऊपर मौजूद मजदूरों की मद से अंदर के तीन मजदूर बचकर बाहर निकल आए। उन्हें मामूली चोंट आईं. लेकिन तीन मजदूर वहीं फंसे रह गए ।
रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया
मजदूरों के फंसे होने की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई। प्रशासन ने NDRF, SDRF और SECL की टीम को सूचित किया। तीनों ही टीमों ने सुबह करीब 3 बजे से खुदाई शुरू कर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। करीब 12 घंटे चले इस ऑपरेशन में केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह भी पहुंचीं, उन्होंने मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की।
तीन घंटे बाद पहला शव मिला था
रेस्क्यू ऑपरेशन के तीन घंटे बाद एक मजदूर के शव को बाहर निकाला गया। वहीं अब करीब 12 घंटे बाद बाकी दोनों मजदूरों को भी निकाला गया। कुएं में फंसे तीनों ही मजदूरों की जान बच नहीं सकी। इस दौरान गृहमंत्री रामसेवक पैकरा भी घटना स्थल पर पहुंचे। सूरजपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के आदेश पर एसपी राजेश कुकरेजा ने मजदूरों की मौत की जानकारी दी ।