प्याज आम लोगों को लंबे समय से रुला रहा है। पैदावार राज्यों से प्याज के आवक में काफी सुधार के बावजूद आम लोगों को प्याज महंगे दाम पर खरीदनी पड़ रही है। प्याज की खुदरा कीमत आज भी 60 रुपये से 80 रुपये प्रतिकिलो चल रही है। मंडी में राजस्थान के अलवर से प्याज की अच्छी खासी आवक हुई है जिससे थोक कीमतों में नरमी तो दिखी लेकिन खुदरा कीमतें आसमान पर हैं। बीते सोमवार को मंडी में प्याज के खुदरा दाम में 10 से 15 रुपये की कीमत में कमी आई। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि प्याज के कारोबार में शामिल बिचौलिये भी इसका गलत फायदा उठा रहे हैं और कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई हैं।
खबर के मुताबिक, मंडी में बीते शनिवार को प्याज थोक भाव में 40-60 रुपये प्रति क्विंटल बिका था, जबकि इसकी खुदरा कीमत 60-80 रुपये प्रति किलो के आस-पास बिक रहा था। एक खबर के मुताबिक, सोमवार को थोक कीमतें घटीं लेकिन खुदरा कीमतों के तेवर कम नहीं हुए। खबर के मुताबिक, दो-तीन दिन पहले मंडी में 34 हजार प्याज के बैग आए हैं। बता दें, एक बैग में 50 किलोग्राम प्याज होते हैं।
प्याज की आसमान छूती कीमतों के चलते इसका असर अब घर, रेस्टोरेंट पर खाए जाने वाले सलाद पर भी देखा जा रहा है। यह थाली से गायब भी होने लगे हैं। आम लोग प्याज की बढ़ती कीमतों से लगातार परेशान चल रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही प्याज की थोक कीमत बीते पांच साल में सबसे ऊंचे लेवल ₹5400 प्रति क्विंटल पर पहुंच गई। वैसे महाराष्ट्र में भारी बारिश के चलते प्याज की फसल बर्बाद हो गई है। अगली फसल अभी तैयार नहीं हो सकी है। इसका भी असर कीमतों पर देखा जा रहा है।
कारोबारियों का कहना है कि अलवर से और भी प्याज आने की उम्मीद है। महाराष्ट्र से आवक बंद होने के बाद अलवर के किसानों ने समय से पहले ही खेतों से प्याज की फसलों को बाजार में उतार दिया। इसके चलते यहां के प्याज की साइज छोटी है। प्याज के साथ-साथ लहसन के दाम ने भी आम लोगों को काफी परेशान कर रखा है।