गांधी जी की स्मृति सहेजना भाजपा को हजम नहीं हो रहा: सुशील आनंद शुक्ला

रायपुर । गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100वें वर्ष पर बेलगांव में हो रहे कांग्रेस की नव सत्याग्रह बैठक से भाजपा बौखला गयी है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपाई झूठ बोलने और मिथ्या प्रचार करने के हथकंडे पर उतर आये है।

भाजपा अध्यक्ष झूठ बोल रहे कि कांग्रेस ने बैठक स्थल पर देश का गलत मानचित्र लगाया है। भाजपाईयों को यह हजम नहीं हो रहा है कि कांग्रेस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूल्यों को लेकर आगे बढ़ रही है। गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष होने पर कांग्रेस द्वारा गांधी जी की स्मृतियों को सहेजने उनके आदर्शों को जिवित रखने के प्रयास गोंडसे के अनुयायियों को हजम नहीं हो रहा है। 10 सालो में चीन देश के गलवान क्षेत्र में घुस आया है। 56 इंची वाले प्रधानमंत्री मौन है भाजपाई प्रलाप कर रहे।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा आदतन गांधी जी के विरोधी रही है। नाथू राम गोडसे और सावरकर के अनुयायियों से गांधी जी के आदर्शों पर चलने की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। देश की आजादी की लड़ाई के समय भी और आजादी के लड़ाई के बाद भाजपा और उसके पितृ संगठनो ने महात्मा गांधी का विरोध किया। आजादी की लड़ाई का विरोध किया।

गांधी जी के द्वारा चलाये गये भारत छोड़ो आंदोलन, असहयोग आंदोलन का भाजपाईयों के पूर्वजों ने विरोध किया था। ऐसी मानसिकता वाले भाजपा के नेता बर्दास्त नहीं कर पा रहे कि कांग्रेस गांधी जी के आदर्शों को क्यों प्रचारित कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा का डीएनए संविधान विरोधी है। लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने तय कर लिया था कि यदि 400 से अधिक सीटें आ जाएगी तो संविधान बदल देंगे। देश की जनता ने भाजपा को 240 में समेट दिया तो उनकी मंशा पूरी नहीं हुई, संविधान बदलने के भाजपाई मंशा के कारण देश भर में भाजपा के खिलाफ माहौल बना तो भाजपा मजबूरी में संविधान की पैरोकार बनने का ढोंग करती है।

कांग्रेस ने गांधी जी के नेतृत्व में देश को आजादी दिलाई, लोकतंत्र की बुनियाद नेहरू जी ने रखा, बी.आर. अंबेडकर के प्रयासों से हमें दुनिया का बेहतरीन, लिखित संविधान मिला लेकिन भाजपा की बदनीयती संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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