पुलिस हिरासत में हो रही लगातार मौत,गृहमंत्री दे इस्तीफा: दीपक बैज

रायपुर । साय सरकार की पुलिस नाकाम तो थी ही क्रूर और हत्यारी भी बन गयी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद पुलिस हिरासत में पांच मौतें हो चुकी है। पुलिस कानून व्यवस्था तो संभाल नहीं पा रही, खुद कानून हाथ में लेकर हत्या करने पर उतारू हो गयी है। जशपुर में दिन दहाड़े एक महिला सरपंच की हत्या कर दिया गया, इसीदिन राज्य में पुलिस का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आया। धमतरी में राजनांदगांव के एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गयी। पूरा धमतरी, राजनांदगांव उबल रहा है। साय सरकार की पुलिस अत्याचारी और हत्यारी हो गयी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस मांग करती है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। पुलिस ने युवक दुर्गेश कठोरिया को राजनांदगांव के भंवरमरा गांव से गिरफ्तार कर धमतरी ले आई थी जहां पर अदालत में प्रस्तुत कर उसे रिमांड पर लिया गया तथा पुलिस अभिरक्षा में उसकी मौत हो गयी। पुलिस का यह दावा अतार्किक और गलत है कि उसकी मौत तबियत खराब होने के कारण हुई है क्योंकि अदालत में जब उसे प्रस्तुत किया गया होगा तो उसका अस्पताल में मुलाहिज भी कराया गया होगा, उसके बाद ही रिमांड मिली होगी। यह सीधे-सीधे पुलिस प्रताड़ना का मामला है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही होना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पुलिस प्रताड़ना से इसके पहले कवर्धा के लोहारीडीह में प्रशांत साहू, कोरबा में सूरजपुर हथठेल, बलरामपुर में गुरूचरण मंडल की पुलिस की हिरासत में मौत के मामले सामने आये है। पुलिस कानून व्यवस्था तो संभाल नहीं पा रही हिरासत में लेकर निर्दोषों की हत्या कर रही है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दुर्गेश कठोरिया भंवरमरा की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाये। पुलिस हिरासत में हो रही मौतों की नैतिक जवाबदारी लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा इस्तीफा दे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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