भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर 44 से भी ज्यादा कानून लागू करती हैं जो कर्मचारियों और कंपनियों से जुड़े होते हैं. लेकिन, इन कानूनों का पालन करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि हर कानून के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने पड़ते हैं. कानून की भाषा और नियम समझने में आसान नहीं होते. कभी-कभी यह पता नहीं चलता कि हमारे काम का क्या हुआ. इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने एक नई वेबसाइट विकसित की है जिसे ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ कहते हैं.
पहले, अलग-अलग श्रम कानूनों का पालन करने के लिए अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. अब, श्रम सुविधा पोर्टल पर एक ही जगह सभी जरूरी काम पूरे हो जाते हैं. पोर्टल के जरिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, रिटर्न फाइलिंग और निरीक्षण रिपोर्ट देखना आसान हो गया है. इससे समय और पैसा दोनों की बचत होती है. पोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध होने से भ्रष्टाचार और मनमानी की गुंजाइश कम होती है.
क्या है श्रम सुविधा पोर्टल –
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने श्रम सुविधा पोर्टल नाम का एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया है जो भारत में श्रम कानूनों का पालन करने में मदद करता है. यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कंपनी मालिकों, कर्मचारियों और सरकारी एजेंसियों को एक साथ लाने का काम करता है. इससे श्रम कानूनों का पालन करना आसान हो जाता है और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा भी होती है.
सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होती है, इसलिए कोई भी उसे देख सकता है. मालिक और मजदूर दोनों अपने काम के लिए जिम्मेदार होते हैं. मालिकों के लिए व्यापार करना आसान हो जाता है. मजदूरों को अपने अधिकारों के बारे में पता चलता है और वे शिकायत भी कर सकते हैं. इसे भारत सरकार ने 16 अक्टूबर 2014 को शुरू किया था.
श्रम सुविधा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद नियोक्ताओं को एक यूनिक लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (LIN) दिया जाता है. ये एक ऐसा नंबर है जो सभी जरूरी जानकारी को एक जगह पर लाता है और काम को आसान बनाता है.
LIN से सभी तरह के श्रम कानूनों जैसे कि भविष्य निधि (PF), कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) और कॉन्ट्रैक्ट लेबर रजिस्ट्रेशन का पालन करना आसान हो जाता है क्योंकि नियोक्ताओं को अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे कागजी कार्रवाई कम होती है और समय की बचत होती है. यह वेबसाइट सभी जरूरी जानकारी और डाटा को एक जगह पर रखती है.
श्रम सुविधा पोर्टल पर मालिकों को सभी श्रम कानूनों के लिए एक ही रिटर्न भरना होता है. इससे उन्हें 16 अलग-अलग कानूनों के लिए अलग-अलग रिटर्न भरने की जरूरत नहीं पड़ती.
अगर कोई सरकारी अधिकारी कंपनी की जांच करने आता है, तो वह अपनी रिपोर्ट कंप्यूटर पर ही बनाएगा और उसे 48 घंटे के अंदर वेबसाइट पर अपलोड करनी होती है. इससे सब कुछ पारदर्शी रहेगा और किसी भी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं होगी. सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं जिनके आधार पर कंपनियों की जांच होगी. जो कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं, उनकी जांच ज्यादा होगी. इससे ईमानदार कंपनियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा.
श्रम सुविधा पोर्टल पर मजदूर भी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं अगर उन्हें अपने काम या अधिकारों से जुड़ी कोई समस्या है. मालिकों को वेबसाइट पर ही शिकायतों का समाधान करना होता है और उसका प्रमाण भी अपलोड करना होता है. इससे शिकायतों का जल्दी और जिम्मेदारी से समाधान होता है.
एसएमएस और ईमेल के जरिए रियल टाइम नोटिफिकेशन की मदद से नियोक्ता, कर्मचारी और सरकारी एजेंसियां हमेशा अपडेट रहते हैं और किसी भी समस्या से पहले ही निपट सकते हैं. समय-समय पर बदलते श्रम कानूनों, वेतन, छुट्टियों और कर्मचारी सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों की जानकारी मिलती रहती है. अगर कोई सरकारी अधिकारी आपकी कंपनी का निरीक्षण करने वाला है, तो पहले से ही सूचना मिल जाती है. अगर किसी कर्मचारी ने कोई शिकायत दर्ज कराई है, तो नोटिफिकेशन से तुरंत जानकारी मिल जाती है.
यह पोर्टल सिर्फ कंपनी मालिकों के लिए ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के लिए भी बहुत फायदेमंद है. यह उनके हक की रक्षा करता है और उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी करता है. अगर आपको कंपनी में कोई परेशानी है, तो आप सीधे इस पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं. आपको किसी और के पास जाने की जरूरत नहीं है. इससे कंपनी को आपकी समस्या का समाधान करना ही होगा.
पोर्टल यह भी सुनिश्चित करता है कि कंपनी के नियम-कानूनों की जांच सही तरीके से हो और किसी के साथ अन्याय ना हो. यह पोर्टल आपके अधिकारों की रक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि आपको आपकी सारी सुविधाएं और सुरक्षा मिले.
श्रम सुविधा पोर्टल मुख्य रूप से बड़ी कंपनियों और फैक्ट्रियों के लिए है, लेकिन यह ई-श्रम पोर्टल जैसे दूसरे सरकारी कामों से भी जुड़ा है. ई-श्रम पोर्टल उन लोगों के लिए है जो छोटे-मोटे काम करते हैं, जैसे रेहड़ी-पटरी वाले, मजदूर, आदि.
चाहे आप बड़ी कंपनी में काम करें या छोटा-मोटा काम करें, आपको सरकारी योजनाओं का फायदा मिलेगा, जैसे बीमा, पेंशन, आदि. सरकार को यह पता चलता है कि देश में कौन-कौन से लोग काम करते हैं और उन्हें किन चीजों की जरूरत है. इससे सरकार अच्छी योजनाएं बना पाती है. पोर्टल से कंपनियों के लिए नियम-कानून मानना आसान हो जाता है, जिससे देश में नई कंपनियां आती हैं और लोगों को नौकरी मिलती है.
श्रम सुविधा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको अपनी कंपनी के बारे में जानकारी देनी होगी और यह बताना होगा कि आप किस कानून के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं. यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है और इसे पूरा करना बहुत आसान है. इससे कंपनियों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते और उनका समय बचता है.
इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए इन 5 मुख्य कानूनों में से किसी एक के तहत आवेदन करना होगा: कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कानून, कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) कानून, कॉन्ट्रैक्ट लेबर एक्ट, बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स (BOCW) एक्ट, इंटर स्टेट माइग्रेंट वर्कमेन (ISMW) एक्ट.
- रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आपको श्रम सुविधा पोर्टल की वेबसाइट पर जाना होगा.
- वेबसाइट पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आदि जैसी कुछ जानकारी भरनी होगी.
- सारी जानकारी भरने के बाद ‘सब्मिट’ बटन पर क्लिक करें
- अब आपके लिए एक लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाया जाएगा
- अब अपनी लॉगिन आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करके वेबसाइट पर लॉगिन करें.
- आपको कुछ और जानकारी भरनी होगी और जरूरी कागजात अपलोड करने होंगे.
श्रम सुविधा पोर्टल पर एनुअल रिटर्न भरना आसान, तेज और पारदर्शी है. हर साल कंपनियों को सरकार को यह बताना होता है कि उन्होंने श्रम कानूनों का पालन किया है या नहीं. इसके लिए उन्हें एक रिपोर्ट भरनी होती है, जिसे एनुअल रिटर्न कहते हैं. पहले, यह रिटर्न कागजों में भरकर सरकारी दफ्तर में जमा करना पड़ता था. लेकिन अब, श्रम सुविधा पोर्टल ने इसे ऑनलाइन कर दिया है.