रायपुर । कोरोना महामारी के दौर में जिन मृतकों का अंतिम संस्कार विविध श्मशानघाटाें में किया गया, उनकी अस्थियां लेने के लिए कोई परिजन नहीं पहुंचे। श्मशानघाट में जिन अलमारियों में अस्थियां रखी जाती हैं, उनके सभी खाने भर चुके हैं। ऐसी अस्थियों को ससम्मान विधिवत हिंदू रीति-रिवाज से विसर्जित करने के लिए समाजसेवी विनोद तिवारी आगे आए हैं। उन्होंने कलेक्टर को पत्र सौंपकर अस्थियों को विसर्जित करने की अनुमति मांगी है।
कलेक्टर सौरभ कुमार को सौंपे गए पत्र में कहा है कि विगत कुछ महीनों में कोरोना महामारी से सैकड़ों लोगों की जान गई। बेहद कठिन समय और विपरीत हालात में प्रशासन ने मृतकों का अंतिम संस्कार किया। अपनी जान जोखिम में डालकर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों ने मृतकों को आखिरी विदाई दी। कुछ अज्ञात व्यक्तियों का भी इस दौरान अंतिम संस्कार किया गया।
उन अज्ञात मृतकों की अस्थियां श्मशानघाट में सुरक्षित रखी हैं। हिंदू परंपरा के मुताबिक तीसरे दिन ही अस्थियां चुनकर किसी पवित्र नदीं में विसर्जित किया जाता है। लंबे समय बाद अब यह उम्मीद नहीं है कि मृतकों के परिजन अस्थियों को लेने आएंगे इसलिए मृतकों की अस्थियों को हिंदू परंपराओं और पूर्ण विधि विधान से आखिरी विदाई दी जाए। इसका जिम्मा वे स्वयं उठाने को तैयार हैं।
सात दिनों बाद मिल सकती है अनुमति
कलेक्टर सौरभ कुमार ने अस्थियों के विसर्जन के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाने एसडीएम को निर्देशित किया है। साथ ही आश्वासन दिया है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए सात दिनों का सार्वजनिक नोटिस दिया जाएगा।
26 जून को महादेवघाट में विसर्जन
समाजसेवी विनोद तिवारी ने बताया कि कुछ अस्थियों का विसर्जन 26 जून को महादेवघाट में हिंदू परंपराओं और विधि विधान से अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा। यदि अनुमति मिलती है तो अन्य अस्थियों का भी विसर्जन किया जाएगा। यदि मृतक के परिजन शामिल होना चाहें तो वे आ सकते हैं।