Breaking : पहलगाम आतंकी हमले के तीन संदिग्धों के स्केच जारी, पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के नाम से हुई

Pahalgam : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले के तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं. इन संदिग्धों की पहचान आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के नाम से हुई है. पुलिस ने बताया कि ये स्केच घायलों और प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत के आधार पर तैयार किए गए हैं.

इन स्केच को इलाके में बड़े पैमाने पर प्रचारित किया जा रहा है ताकि संदिग्धों की पहचान में लोगों की मदद मिल सके. जांच एजेंसियां अब इन संदिग्धों के ठिकानों और संपर्कों को खंगालने में जुटी हैं. खुफिया एजेंसियों की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से भारत में दाखिल होने के बाद, राजौरी से चत्रु, फिर वधावन होते हुए पहलगाम तक का सफर तय किया.

यह इलाका रियासी और उधमपुर जिले के पास आता है, जहां गुज्जर और बकरवाल समुदाय की बड़ी आबादी है. इस रास्ते का चुनाव आतंकियों ने शायद इसलिए किया ताकि वे आम लोगों की आड़ में छिपकर सफर कर सकें और किसी को शक न हो.

पूरी घाटी में विशेषकर महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में अधिकतर दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. उन्होंने बताया कि शहर भर में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें ही खुली रहीं. सार्वजनिक परिवहन भी कम है लेकिन निजी वाहन सामान्य रूप से चल रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि घाटी में निजी स्कूल भी बंद हैं लेकिन सरकारी स्कूल खुले हैं. उन्होंने बताया कि बंद का असर घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में भी देखा गया.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के विरोध में बुधवार को पूरी कश्मीर घाटी में 35 वर्षों में पहली बार बंद देखा गया. इस बंद को समाज के हर वर्ग के लोगों और संगठनों का समर्थन मिला है. जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे.

Images Courtesy – abp News

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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