Tuesday, July 1, 2025
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स्पीति की साँसें रोक देने वाली वादियाँ और अमित की बेमिसाल जर्नी

रायपुर/बसना। सन्नाटे की घुमावदार वादियाँ, ठंडी हवाओं के बीच गरजते इंजन की आवाज़ और दिलों में बस एक ही धुन,मंज़िल चाहे जितनी दूर हो, रुके बिना चलना है। यह कोई फिल्म नहीं, बल्कि वास्तविक जीवन का साहसिक दृश्य था । रोमांच, जुनून और हौसले का ऐसा संगम कम ही देखने को मिलता है, जैसा कि बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल के सुपुत्र अमित अग्रवाल ने अपने मित्रों संग पेश किया।

सपनों की कोई सीमा नहीं होती… बस गियर बदलते जाओ और आगे बढ़ते जाओ

पेशे से व्यवसायी अमित अग्रवाल (38) ने कामेश बंजारा, राहुल गोयल एवं श्रेणिक पारेख के साथ हिमाचल की दुर्गम वादियों में 1200 किलोमीटर लंबी बाइक यात्रा पूरी कर एक प्रेरक मिसाल कायम की। 7 जून से शुरू हुआ सफर 17 जून को बसना में समाप्त हुआ।

10 दिन, 1200 KM, स्पीति की साँसें रोक देने वाली वादियाँ और चार दोस्तों की बेमिसाल जर्नी

यह रोमांचकारी यात्रा बसना से शुरू होकर मनाली, जीभी, सांगला, कल्पा, काजा, चिचम ब्रिज, चंद्रताल व अटल टनल होते हुए वापस मनाली से बसना तक सम्पन्न हुई। इन दस दिनों में न केवल कठिन ऊंचाईयों से जूझना पड़ा, बल्कि बदलते मौसम और सर्पिल सड़कों ने हर मोड़ पर इनकी परीक्षा ली। पर इन चारों के जुनून और दृढ़ संकल्प ने हर चुनौती को पीछे छोड़ दिया।

चेहरे पर धूल, मगर आंखों में जीत की चमक

जब मंज़िल बसना लौटी, तब उनके चेहरे पर धूल थी, मगर आंखों में जीत की चमक। यात्रा की समाप्ति पर अमित ने अपनी यात्रा को साझा करते हुए बताया कि कई बार राह मुश्किल लगी, लेकिन मन में ठान लिया था कि इस साहसिक सफर को हर हाल में पूरा करना है। माता-पिता का आशीर्वाद और मित्रों का साथ ही हमारी असली ताकत था।

विधायक डॉ संपत अग्रवाल को भेट किया हिमाचली परिधान

यात्रा के उपरांत उन्होंने हिमाचली टोपी, गमछा और गौतम बुद्ध की मूर्ति विधायक डॉ. संपत अग्रवाल को भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस पर विधायक ने कहा कि हिमाचल जैसे दुर्गम पर्वतीय रास्तों पर मोटरसाइकिल से 1200 किलोमीटर की यात्रा कर पाना साहस, ऊर्जा और समर्पण का प्रतीक है। इन युवाओं की यह यात्रा निश्चित ही दूसरों को प्रेरणा देगी।

अगर दिल में हिम्मत हो, तो रास्ते खुद झुक जाते है: डॉ संपत अग्रवाल, विधायक

विधायक डॉ. अग्रवाल ने गर्व के साथ कहा, ऐसी साहसिक यात्राएँ समाज को सिखाती हैं कि अगर दिल में हिम्मत हो, तो रास्ते खुद झुक जाते हैं। उन्होंने सभी युवाओं को शुभकामनाएँ दीं और कहा कि ऐसे ही जुनून से भरी यात्राएं ही साबित करती हैं कि जब इरादे बुलंद हों, तो मंज़िल खुद पास चली आती है।

आपको बता दें कि अमित अग्रवाल की यह तीसरी बाइक यात्रा थी। इसके पहले भी अमित अग्रवाल बाइक से लंबी दूरी की यात्रा कर चुके हैं। उनकी पहली बाइक यात्रा भूटान, दूसरी लद्दाख और अब तीसरी यात्रा स्पीति रही।

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