पूनम पांडेय: कांग्रेस से भाजपा तक की राजनीतिक यात्रा का नया अध्याय


रायपुर । रायपुर में सियासी गलियारों की फिज़ा बदल रही है। वर्षों तक कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़ी रहने वाली महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव एवं प्रवक्ता पूनम पांडेय ने अब भाजपा का दामन थाम लिया है। यह बदलाव केवल एक दल परिवर्तन नहीं, बल्कि एक कार्यकर्ता के आत्मसम्मान की लड़ाई का प्रतीक है।
जब पूनम पांडेय ने भाजपा की सदस्यता ली, तब प्रदेश अध्यक्ष किरण देव सिंह और जिला अध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर की उपस्थिति में एक नई कहानी लिखी गई। कांग्रेस में 8 वर्षों तक सक्रिय रहकर संगठन के लिए मेहनत करने के बावजूद उन्हें वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी वे हकदार थीं। इसीलिए उन्होंने नई राह चुनी।
“मेहनत करने वालों की कांग्रेस में कोई कद्र नहीं,” मीडिया से बात करते हुए पूनम पांडेय के इस कथन ने कई राजनीतिक समीकरणों को झकझोर दिया। यह केवल उनकी व्यक्तिगत राय नहीं, बल्कि उन तमाम कार्यकर्ताओं की आवाज़ है जो वर्षों तक किसी विचारधारा के प्रति समर्पित रहते हैं, लेकिन अंततः निराशा हाथ लगती है।
भाजपा में उनके स्वागत के मौके पर प्रदेश संगठन सदस्य सिद्धार्थ माहेश्वरी, प्रदेश कार्य समिति सदस्य तिलक साहू, जिला पंचायत मुंगेली की सभापति अंबालिक साहू, गृह निर्माण मंडल अध्यक्ष अनुराग सिंह देव सहित कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने इस घटना के राजनीतिक महत्व को और बढ़ा दिया।
अब सवाल यह उठता है कि भाजपा में पूनम पांडेय की यह नई पारी कितनी प्रभावी होगी? क्या उनके अनुभव और संगठनात्मक कौशल भाजपा को नई मजबूती देंगे? कांग्रेस के लिए यह केवल एक कार्यकर्ता का जाना नहीं, बल्कि संगठन के आंतरिक संकट का एक और उदाहरण है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव प्रदेश की राजनीति में एक नए विमर्श को जन्म दे सकता है। पूनम पांडेय का निर्णय व्यक्तिगत से कहीं अधिक एक विचारधारात्मक परिवर्तन का संकेत दे रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा में उनका सफर कैसा रहता है।



