क्या रमन सिंह विधानसभा अध्यक्ष की मर्यादा भूल बैठे हैं? : सुरेंद्र वर्मा

“मुख्यमंत्री बनाम विधानसभा अध्यक्ष”—व्यवहार में फर्क क्यों नहीं?

रायपुर । पहले कथित भ्रष्टाचार पर, फिर ईडी की दुर्भावना पूर्वक कार्रवाई का समर्थन और अब पीडीएस सिस्टम को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के राजनीतिक बयानों पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष के लिए इस तरह से पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर, दुर्भावना पूर्वक, राजनीतिक बयानबाजी करना ना उचित है, ना ही संवैधानिक। विधानसभा अध्यक्ष का पद सदन की कार्यवाही का संचालन करने और सदस्यों के बीच निष्पक्षता बनाए रखने के लिए होता है, लेकिन जिस तरह से बयान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के आ रहे हैं, उससे उनकी तटस्थता और निष्पक्षता पर सवाल स्वाभाविक है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद है, सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को स्तरहीन राजनीतिक बयानबाजी से बचना चाहिए। भूमिका बदलने से व्यवहार और बर्ताव में भी बदलाव आवश्यक है, लेकिन शायद रमन सिंह जी अभी भी स्वयं को मुख्यमंत्री ही मानते हैं, या साय को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष के लगातार आ रहे राजनीतिक बयानों से जनता में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार को हाईजैक करना चाहते हैं विधानसभा अध्यक्ष? या असल में सरकार वही चला रहे हैं? पहले भी जब विष्णुदेव साय पहली बार प्रदेश अध्यक्ष बने थे, तब भी यह नारा काफी चर्चित था कि “विष्णुदेव साय, रमन सिंह की गाय“ अब रमन सिंह जी के बयानों से एक बार फिर यह विषय चर्चा में है कि असल में छत्तीसगढ़ की सरकार कहीं विधानसभा अध्यक्ष ही तो नहीं चला रहे हैं?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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