महाष्टमी की छुट्टी रद्द करना निंदनीय, सरकार आदेश वापस ले : धनंजय ठाकुर

नवाखाई पर छुट्टी का आदेश जारी, दुर्गा अष्टमी पर नहीं रहेगी छुट्टी

रायपुर । महाष्टमी की सरकारी छुट्टी संशोधित करने के आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नवरात्रि में दुर्गा पूजा के आठवें दिन में महाष्टमी की छुट्टी सभी सरकारी दफ्तरों में दी जाती रही है, जिसे भाजपा सरकार के द्वारा रद्द करना बेहद आपत्तिजनक एवं निंदनीय है। सरकार अपने इस आदेश को तत्काल वापस ले।

ये माता भक्तों का अपमान है, आखिर भाजपा को सरकारी कैलेंडरो में महाष्टमी की छुट्टी उल्लेखित करने में आपत्ति क्यों हो रही है? वर्षो से सरकारी कैलेंडर में महाष्टमी की छुट्टी उल्लेखित होते आ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार आखिर प्रदेश के परंपरा तीज त्यौहार को बदलने में क्यों तुली हुई? सरकार बनते ही हरेली का त्यौहार नहीं मनाया गया, जब पूरे प्रदेश में भाजपा सरकार की निंदा हुई तब दूसरे बार हरेली तिहार का आयोजन किया गया। विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन बंद कर दिया गया।

माता कौशल्या मंदिर में होने वाले संस्कृति का आयोजन बंद है। कांग्रेस सरकार के दौरान सभी ग्राम पंचायत को सांस्कृतिक और परंपरा के अनुसार सामूहिक रूप से तीज त्यौहार का आयोजन करने सरकारी मद से फंड दिया जाता था, वह बंद है। बीजेपी बिहार तिहार तो मानाती है लेकिन छत्तीसगढ़ के तिहार परंपरा को मनाने में परहेज क्यों?

अब महाष्टमी की छुट्टी को संशोधित कर दिया गया है, नवा खाई की छुट्टी देने के निर्णय का हम स्वागत करते हैं लेकिन महाष्टमी को कैलेंडर से विलोपित किया जाना उचित नहीं है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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