अंतरिक्ष से अध्यात्म तक: सुधांशु शुक्ला की उपलब्धि पर देश को गर्व, विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने दी हार्दिक शुभकामनाएं

रायपुर/बसना । पुरी जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा की तैयारियाँ चरम पर हैं, ठीक उसी समय भारत के एक और सपूत ने अंतरिक्ष की ओर रथ साधा है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन सुधांशु शुक्ला ने आज दोपहर 12:01 बजे Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरी। विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने कहा यह संयोग मात्र नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संकेत जैसा प्रतीत होता है जब धरती पर भगवान अपने भक्तों के बीच निकलते हैं, तब आकाश में भारत का प्रतिनिधि ब्रह्मांड की यात्रा पर निकलता है।

Axiom-4 मिशन में अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री भी इस मिशन में सुधांशु शुक्ला के साथ हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह मिशन जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही भावनात्मक रूप से ऐतिहासिक भी है क्योंकि 41 वर्षों बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है।

विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने इस ऐतिहासिक अवसर पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा पुरी की रथ यात्रा, जिसमें भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी गुंडिचा देवी के घर जाते हैं, आत्मा की यात्रा का प्रतीक मानी जाती है। ठीक उसी तरह, सुधांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा भी मानव जिज्ञासा और आत्मिक विस्तार की दिशा में एक कदम है। यह घटना भारत की संस्कृति और विज्ञान के परस्पर सहयोग का प्रतीक बन गई है।

विधायक डॉ अग्रवाल ने कहा अंतरिक्ष से जब शुभांशु शुक्ला ने कहा “मेरे साथ पूरा देश है,तो हर भारतीय की आंखें नम हो गईं, और सीना गर्व से चौड़ा।

विधायक डॉ अग्रवाल ने कहा कि सुधांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं। उनसे पहले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत संघ के साथ मिलकर सोयूज़ टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी। उनके प्रसिद्ध शब्द “सारे जहाँ से अच्छा” आज भी भारतीय अंतरिक्ष यात्रा की स्मृति में गूंजते हैं।

उन्होंने कहा अब चार दशक बाद, सुधांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर यात्रा कर भारत को फिर एक बार गर्व से भर दिया है।

सुधांशु शुक्ला के पिता ने बताया कि लॉन्च से पहले विशेष पूजा-अर्चना की गई मानो यह कोई धार्मिक अनुष्ठान हो। यह दर्शाता है कि भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ भी श्रद्धा और परंपरा से जुड़ी होती हैं।

विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने कहा कि इस अद्भुत संयोग ने एक बार फिर यह साबित किया है कि भारत की आध्यात्मिक विरासत और वैज्ञानिक प्रगति अब विरोधाभास नहीं, एक-दूसरे के पूरक बनते जा रहे हैं। एक ओर रथों की घंटिया गूंज रही हैं, तो दूसरी ओर रॉकेट की गर्जना ने भारत के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई दी है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button