मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया,BSC कर एम्स अस्पताल में चयनित होकर बनी नर्सिंग ऑफिसर

रायपुर । जहां चाह है, वहां राह है… यह तो आपने सुना ही होगा, और जब यह वाक्य चरितार्थ होता है तो उसके पीछे होती संघर्ष की एक कहानी। यह कहानी है अभनपुर में रहने वाली हीरा साहू की, जिसके पिता मजदूरी कर घर चलाते थे। लेकिन आज बात कुछ और ही। साहू परिवार के जीवन में एक बड़ा बदलाव तब आया जब उनकी बेटी ने अपनी पढ़ाई पूरी की और एम्स अस्पताल में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में चयनित हुई।

अभनपुर के ग्राम पलौद में रहने वाली हीरा साहू के माता देवकुमारी साहू और पिता रत्तीराम साहू रोजी-मजदूरी कर अपना जीवनयापन करते थे। सीमित आय होने की वजह से परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल होता था। खासकर जब बात बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य की आती थी तो दोनों चिंतित हो उठते थे।

हीरा साहू बताती है कि मेरे माता-पिता ने अपने अथक प्रयासों से मुझे बीएससी नर्सिंग में दाखिला दिलाया लेकिन उन्हें कॉलेज फीस चिंता सताती रही। इस बात को लेकर जब मेरे माता-पिता जिला श्रम कार्यालय गए तो उन्हें बताया गया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पंजीयन सदस्यों के लिए मुख्यमंत्री नोनू बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना संचालित है। इस योजना के तहत पंजीकृत श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों को शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति स्वरूप सहायता राशि प्रदान की जाती है।

मेरी माता ने अपना पंजीयन कराया और मुख्यमंत्री नोनी-बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत लगातार दो वर्षों तक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया। मुझे यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि मेरे द्वारा ऑनलाइन प्रस्तुत दोनों आवेदनों पर श्रम विभाग की ओर से प्रथम वर्ष 36,000 रुपए और द्वितीय वर्ष 44069 रूपए की छात्रवृत्ति सहायता प्रदान की गई।

श्रम विभाग की ओर से प्राप्त छात्रवृत्ति सहायता राशि से मेरी और मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिली और मैं निश्चिंत होकर, मन लगाकर अपनी पढ़ाई पूरी की। नर्सिंग कोर्स पूरा करने के बाद मैं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (एम्स) द्वारा जारी नर्सिंग ऑफिसर के पद पर के लिए आवेदन प्रस्तुत किया, मैं चयनित हुई और वर्तमान में एम्स में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर पदस्थ हूं।

श्रम विभाग की योजना से लाभान्वित होकर मैंने अपने और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया। अपने माता-पिता और समाज का नाम रोशन किया तथा आत्मनिर्भर हुई। श्रम विभाग द्वारा श्रमिक हितों के लिए संचालित विभिन्न श्रमिक कल्याणकारी योजनाओं से श्रमिक वर्ग में हर्ष व्याप्त है। मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित करती हूं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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