रायपुर। छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़ दी है। एसीबी की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अब तक कई सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
इसी क्रम में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने स्मृति नगर चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बी फार्मा की पढ़ाई कर रहे एक छात्र ने प्रधान आरक्षक के खिलाफ एसीबी से शिकायत की थी। जिसके आधार पर एसीबी की टीम ने उसे पूरी योजना के तहत रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
दुर्ग एसपी ने रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक को किया सस्पेंड
आरोपी प्रधान आरक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। वहीं एसीबी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के तुरंत बाद दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को निलंबित कर दिया गया है। शनिवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे एसीबी की टीम ने प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।
मामले को रफादफा करने के लिए मांगा 20 हजार रुपये की रिश्वत
इस मामले में उसके खिलाफ शिकायत करने वाले पीड़ित छात्र का कुछ दिन पहले कुछ लोगों से विवाद हुआ था। विवाद के मामले में कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई थी, लेकिन मामले को रफादफा करने के लिए प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा ने उससे 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। छात्र उसे रिश्वत नहीं देना चाहता था। उसने एसीबी से इसकी शिकायत की। जिसके बाद एसीबी की टीम ने उसे केमिकल लगे हुए 500-500 के 20 नोट देकर पीड़ित छात्र को प्रधान आरक्षक के पास भेजा।
प्रधान आरक्षक ने जैसे ही रिश्वत की रकम ली, एसीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी के अधिकारियों ने पीड़ित और आरोपित प्रधान आरक्षक के हाथ के साथ ही नोटों को पानी में डाला तो पानी का रंग गुलाबी हो गया।
एसीबी की सख्त चेतावनी
एसीबी ने एक बार फिर स्पष्ट संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। आम नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे ऐसे मामलों में चुप न रहें और तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।