“मनखे-मनखे एक समान” के अमर संदेश के साथ जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने दी बाबा गुरु घासीदास जयंती की शुभकामनाएं
जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने बाबा गुरु घासीदास जयंती की प्रदेशवासियों को दीं हार्दिक शुभकामनाएं,कहा-सत्य ही ईश्वर है

धरसीवां । सतनाम पंथ के प्रवर्तक, महान समाज सुधारक और सत्य के मार्गदर्शक बाबा गुरु घासीदास जी की जयंती के पावन अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने बाबा जी के जीवन दर्शन और उनके ‘सत्य और समानता’ के सिद्धांतों को आज के समय में प्रासंगिक बताया।
जनपद अध्यक्ष शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने बाबा जी को नमन करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ की पावन धरा गिरौदपुरी में एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले बाबा गुरु घासीदास जी के विचार और आदर्श असाधारण थे। उन्होंने एक ऐसे युग में समाज का मार्गदर्शन किया जब समाज छुआछूत, ऊंच-नीच, जातिवाद और पाखंड जैसी गंभीर बुराइयों की जकड़ में था। बाबा जी ने समाज को इन कुरीतियों से मुक्त कराकर मानवता का नया मार्ग प्रशस्त किया।
शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने बाबा जी के सबसे महत्वपूर्ण मूलमंत्र ‘मनखे-मनखे एक समान’ का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने जाति और वर्ण के आधार पर होने वाले भेदभाव को जड़ से मिटाने का ऐतिहासिक प्रयास किया। उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति को सम्मान दिलाया और यह सिखाया कि ईश्वर की भक्ति के लिए किसी आडंबर या दिखावे की आवश्यकता नहीं है, बल्कि शुद्ध मन और सात्विक आचरण ही सच्ची भक्ति है।
अपने संदेश में जनपद अध्यक्ष ने आगे कहा कि बाबा जी ने ‘सतनाम पंथ’ के माध्यम से सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उनके द्वारा स्थापित ‘जैतखाम’ आज भी सत्य, शांति और एकता के प्रतीक के रूप में हमें प्रेरणा दे रहा है। बाबा जी ने पशु बलि जैसी कुप्रथाओं का कड़ा विरोध कर अहिंसा का संदेश दिया।
अंत में, शकुंतला ढिलेंद्र सेन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि आज बाबा जी की जयंती के अवसर पर हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य यही होगा कि हम उनके सत्य और समानता के सिद्धांतों को न केवल याद रखें, बल्कि उन्हें अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी उतारें। आइए, हम सब मिलकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जहाँ प्रेम, भाईचारा और न्याय सर्वोपरि हो।



