आरक्षक भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाये: दीपक बैज

रायपुर । कांग्रेस ने मांग किया है कि राजनांदगांव आरक्षक भर्ती घोटाला मामले की सीबीआई से जांच कराई जाये। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा के राज में नौकरियां बेची जा रही है, युवा ठगा महसूस कर रहे है। राजनांदगांव आरक्षक भर्ती घोटाले के तार सत्ता के उच्च पदस्थ लोगों तक जुड़े हो सकते है।

इस मामले में आरक्षक अनिल रत्नाकर की संदिग्ध मौत तथा उसके हथेली पर लिखे गये नोट्स बताते है कि यह मामला बहुत ही ज्यादा गंभीर है। अनिल रत्नाकर की मौत की भी जांच होनी चाहियें। सत्ता में बैठे हुये लोगों के संरक्षण के बिना इतना बड़ा भर्ती घोटाला होना संभव नहीं है। सरकार तथा पुलिस के उच्चाधिकारी, निचले स्तर के अधिकारियों पर कार्यवाही की खानापूर्ति कर मामले को दबाने में लगे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आठवीं बटालियन पेंड्री में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए मैनुअल और रिजल्ट में गोलमाल किया गया है। आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गोला फेंक और ऊंची कूद को लेकर मैनुअल रजिस्टर में और रिजल्ट जारी करने में धांधली की गई है। नंबर बढ़ाने और पास करने लिए लेनदेन की भी शिकायत आई हुई है। आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ी के लिये गृहमंत्री विजय शर्मा अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज कहा है कि जब से छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आयी है, नौकरी के नाम पर वसूली के शिकायतों की बाढ़ आ गई है। सत्ता के संरक्षण में छत्तीसगढ़ में नौकरियां बेचने वाले गिरोह फल फूल रहे हैं। भाजपा की सरकार में चयनित अभ्यर्थियों की सूची तो जारी होती है लेकिन प्रक्रिया के दौरान परिणाम के अंक छिपाये जाते हैं, एस आई भर्ती इसका उदाहरण है।

पुलिस भर्ती, फॉरेस्ट गार्ड, प्रयोगशाला परिचारक में नौकरी लगवाने के नाम पर अनेकों काउंटर खुल गए हैं। मंत्रालय और संचालनालय तक में खुलेआम बोली लगाई जा रही है। रिमोट से संचालित इस सरकार में युवाओं के सरकारी नौकरी के रोजगार के अवसर को बेचा जा रहा है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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