प्रधानपाठक निलंबित, शिक्षक की वेतनवृद्धि रोकी: मध्यान्ह भोजन में लापरवाही पर जांजगीर-चांपा कलेक्टर की सख्त कार्रवाई
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के चौराभांटा स्कूल में मध्यान्ह भोजन योजना में लापरवाही सामने आने पर कलेक्टर ने प्रधानपाठक को निलंबित किया और एक शिक्षक की दो वेतनवृद्धियां रोकीं। महिला स्व-सहायता समूह को भी कार्य से हटाया गया।

रायपुर, 17 दिसंबर 2025 – छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में मध्यान्ह भोजन योजना की अनदेखी अब शिक्षकों पर भारी पड़ रही है। जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने चौराभांटा शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में मिड-डे मील योजना में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। यह कार्रवाई हाल ही में सामने आए उस मामले के बाद की गई है, जिसमें विद्यालय में भोजन के बाद कई बच्चों की तबीयत बिगड़ने की खबरें आई थीं।
प्रमुख कार्रवाई और निष्कर्ष
- विद्यालय की प्रधानपाठक किरण लता शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि विद्यालय में मिड-डे मील संचालन में निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया था।
- मध्यान्ह भोजन प्रभारी शिक्षक जगेश्वर सिंह को पर्यवेक्षण में लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए दो वेतनवृद्धियां रोकने का आदेश जारी किया गया है।
- भोजन तैयार करने वाले राहुल महिला स्व-सहायता समूह को कार्य से हटाकर, एक नया पात्र समूह नियुक्त किया गया है।
- कलेक्टर ने सभी विद्यालयों में मिड-डे मील योजना की गुणवत्ता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सतत निरीक्षण और निगरानी के निर्देश दिए हैं।
संवेदनशीलता
इस कार्रवाई की पृष्ठभूमि में 25 बच्चों के बीमार पड़ने की घटना है, जो खीर-पूड़ी खाने के बाद उल्टी और पेट दर्द की शिकायत करने लगे थे। उन्हें तत्काल नवागढ़ के सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस घटना ने प्रशासन को सतर्क कर दिया और जांच के बाद यह कार्रवाई की गई।
प्रशासन का संदेश
कलेक्टर महोबे ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मिड-डे मील योजना बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण योजना है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह मामला न केवल प्रशासनिक सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई अन्य विद्यालयों के लिए भी एक चेतावनी है कि वे मिड-डे मील जैसी योजनाओं में पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखें।



