कमीशनखोरी के लिए स्वास्थ्य विभाग ‘ठेके’ पर संचालित, अमानक दवाओं के कारण मरीज मरने को मजबूर: सुरेंद्र वर्मा
जांच, इलाज और दवा के अभाव में मरीजों के मरने का दावा; दागी स्टोरकीपर को राज्य फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाने पर सवाल

रायपुर । छत्तीसगढ़ में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बिलासपुर उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में सरकार को जारी सख्त निर्देशों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने सीधे तौर पर सरकार को घेरते हुए कहा कि न्यायालय ने कड़ी फटकार लगाते हुए इस सरकार को आईना दिखाया है।
सुरेंद्र वर्मा ने बयान जारी कर कहा कि हाईकोर्ट ने अस्पतालों में व्याप्त कुप्रबंधन और स्थिति में सुधार न होने पर गहरी असंतुष्टि जताई है। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की गंभीर लापरवाही लगातार उजागर हो रही है।”
मेकाहारा का कुप्रबंधन और नई रिपोर्ट
कांग्रेस प्रवक्ता ने राजधानी रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा का हवाला दिया, जहाँ कुछ समय पहले एक ही बिस्तर पर दो प्रसूताओं और उनके नवजातों को सुलाने का मामला सामने आया था। उन्होंने बताया कि अब हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से नई रिपोर्ट और सुधार की जानकारी जल्द देने का आदेश दिया है, साथ ही सीजीएमएससी (CGMSC) और स्वास्थ्य सचिव से नया हलफनामा भी मांगा है।
सुरेंद्र वर्मा ने मौजूदा सरकार के रवैये की तुलना करते हुए तंज कसा न्यायालय ने स्थिति में सुधार न होने पर गहरी असंतुष्टि जताई है, लेकिन इस सरकार का चरित्र शुतुरमुर्ग की तरह है।
कमीशनखोरी और अमानक दवाएं
कांग्रेस प्रवक्ता ने स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का कारण सीधे तौर पर कमीशनखोरी को बताया। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कमीशनखोरी के लिए स्वास्थ्य विभाग अघोषित तौर पर ठेके में संचालित है और सत्ता के संरक्षण में केवल मुनाफाखोरी का खेल चल रहा है।
सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि सरकार की दुर्भावना के कारण छत्तीसगढ़ में मरीज जांच, इलाज और दवा के अभाव में बे-मौत मरने को मजबूर हैं। उन्होंने दवा आपूर्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि मरीजों को नकली और अमानक दवाएं दी जा रही हैं, जिनमें से कई गुणवत्ता जांच में फेल हो चुकी हैं।
अन्य गंभीर आरोप इस प्रकार हैं:
- समय पर एम्बुलेंस सुविधा का न मिलना।
- सीटी स्कैन, एमआरआई, सोनोग्राफी और अन्य जांचों के लिए मरीजों का भटकना।
- आर्थिक लाभ के षडयंत्र के तहत एक अयोग्य और दागी स्टोरकीपर को राज्य फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया जाना।
इस्तीफे की मांग
वर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार केवल एडवाइजरी जारी करके और अधिकारियों को दिखावे के निर्देश देकर लीपापोती कर रही है, लेकिन इससे व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा, “भाजपा की सरकार में बैठे लोग अपने आर्थिक लाभ के लिए प्रदेश की जनता को दवा के नाम पर ज़हर परोस रहे हैं।”
बयान के अंत में, कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की कि अक्षम स्वास्थ्य मंत्री तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें या उन्हें सरकार द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए।



