8 सालों तक जीएसटी के नाम पर जनता को लूटा अब, एहसान जता रहे : दीपक बैज

दीपक बैज का तीखा हमला: जीएसटी नहीं, गब्बर सिंह टैक्स था



रायपुर । जीएसटी सुधारो को भाजपा द्वारा गरीब मध्यम वर्ग पर अहसान बताये जाने का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा विरोध किया है। 2017 से मोदी सरकार ने अतार्किक और मनमाना जीएसटी लगाकर देश की जनता को 8 वर्षों तक लूटा है। अब उसमें कटौती करके 8 वर्षों तक जनता की जेब पर डाले गये डाके के पाप से सरकार बच नहीं सकती है। कांग्रेस ने जीएसटी की बेतहाशा दरों का उसकी समय विरोध किया था। तब मोदी सरकार अपने अहंकार में कटौती करने को तैयार नहीं थी। दवाइयों, आटा, दूध, पनीर, घी एवं खाद्य सामग्री पर 8 सालों तक भारी भरकम जीएसटी वसूल कर जनता का खून चूसने वाले अब एहसान जता रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एक मध्यम आय वाले का परिवार जो सालाना 3 से साढ़े तीन लाख खर्च करता था, उससे मोदी सरकार ने 8 सालों तक हर साल 50 हजार रू. से अधिक जीएसटी के रूप में वसूला है। कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र पर भी मोदी सरकार ने बेतहाशा जीएसटी वसूला था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि देश के व्यापार उद्योग को तबाह करने के बाद मंहगाई बढ़ाने के बाद मोदी सरकार ने जीएसटी के दो स्लैब में परिवर्तन किया है। 28 और 12 प्रतिशत का स्लैब खत्म किया है लेकिन 40 प्रतिशत का नया स्लैब जीएसटी में एड कर दिए। राहुल गांधी जी ने पहले ही कहा था कि जीएसटी को वापस लेना ही पड़ेगा आज राहुल गांधी जी की बात सत्य हुई मोदी सरकार के द्वारा लगाएगी अनियमित जीएसटी जनता के लिए गब्बर सिंग टैक्स था अभी और जीएसटी में बदलाव की आवश्यकता है, दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी ज्यादा है। 1 जुलाई 2017 बिना तैयारी के त्रुटिपूर्ण कर प्रणाली को आधी रात घंटा बजाकर जिस जीएसटी को आर्थिक आजादी बताए मोदी सरकार ने उस पर अब यू-टर्न ले लिया है। आरंभ से ही पूरी प्रक्रिया पर कांग्रेस के लगातार जो आरोप थे वे प्रमाणित हो गए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि जीएसटी लागू करने के दौरान जिस प्रकार से मोदी भाजपा की सरकार ने जो बड़े-बड़े दावे किए थे देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में एकरूपता और सस्ती होने की बात कही गई थी वह कहीं पर नजर नहीं आई। मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते देश में महंगाई चरम सीमा पर है। लोग रोजगार के संकट से जूझ रहे हैं। व्यापार-व्यवसाय तबाह हो गया, जीएसटी लगने के बाद एक चलता-फिरता देश आज स्थिर हो गया है। अर्थव्यवस्था गर्त पर चली गई है। सरकारी कंपनियां बिक रही है। लोग महंगाई से परेशान हैं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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