प्रधानमंत्री मोदी ने दुख की इस घड़ी में चुनावी सभा को प्राथमिकता दी, देश के 140 करोड़ जनता की भावनाओं का अपमान किया है: दीपक बैज

रायपुर । पहलगाम हमले के बाद से पूरा देश उद्वेलित है, गमगीन है, आक्रोशित है, आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा है लेकिन शोक की इस घड़ी में भी देश के प्रधानमंत्री बिहार में चुनावी सभा का मोह नहीं छोड़ पाए। भारतीय जनता पार्टी और उनके नेताओं के लिए हर घटना, हर वाकया केवल चुनावी नफे नुकसान के लिहाज़ से ही जरूरी है।

बेहद संवेदनशील और हृदय को झकझोर देने वाली इस घटना पर भाजपा नेताओं और उनके आईटी सेल के द्वारा जो नैरेटिव चलाया गया, जो कार्टून जारी किए गए और जिस तरह से रंग दिया गया उससे भाजपा की मंशा बेहद स्पष्ट हो गई। प्रचारित किया गया कि पहलगाम की घटना के बाद तत्परता से मोदी जी अरबकंट्री से दौरा छोड़ कर आए, देश की जनता को उम्मीद था कि कुछ विशेष होगा लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि वे तो बिहार में चुनावी सभा के लिए ही आए थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि देश संविधान और कानून से चलता है, कुछ लोगों के द्वारा कारित घृणित कृत्य और देश के खिलाफ किए गए अपराध की सजा क्या पूरे कौम को दी जा सकती है? क्या इसे जनरलाइज करके नफ़रत की खाई चौड़ी करने का कुत्सित प्रयास अपराध नहीं है? लेकिन सत्ताधारी दल के नेताओं की जो प्रतिक्रिया आ रही है उनमें से ज्यादातर वक्तव्य और कथन एकता और भाईचारे की भावन के खिलाफ है, कश्मीरी आवाम के खिलाफ है।

अधिकांश भाजपा नेताओं के द्वारा जो सोशल मीडिया पर पोस्ट किये जा रहे हैं वह भाजपा के नफरती एजेंडे के लिए जमीन तैयार करने का अवसर है। ऐसे नाजुक घड़ी में आपत्तिजनक, गैरकानूनी पोस्ट को रोकने की जवाबदारी किसकी है? सूचना प्रसारण विभाग और तमाम एजेंसियों की भूमिका क्या है?

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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