धर्म-संवेदना की वापसी: उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा के नेतृत्व में विराट रैली, चार माताओं ने की घर वापसी

विधायक पुरंदर मिश्रा के नेतृत्व में विरोध रैली, धर्मांतरण के खिलाफ चार माताओं की घर वापसी

रायपुर । धर्मांतरण के विरुद्ध एक शक्तिशाली सामाजिक आह्वान के रूप में आज उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा के नेतृत्व में रायपुर की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। जगन्नाथ सेना द्वारा आयोजित यह विराट रैली कुंदरापारा से मधुपिले चौक तक निकाली गई, जिसमें हजारों नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने भाग लेकर अपने धर्म और संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लिया।

रैली के केंद्र में चार माताओं की “घर वापसी” थी , वे जो पूर्व में धर्मांतरण के प्रभाव में चली गई थीं, आज भावपूर्ण सम्मान के साथ अपने मूल धर्म में लौटीं। उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा ने पैर धोने, तिलक लगाने और साल-श्रीफल भेंट कर जिस गरिमा से उनका स्वागत किया , वह समाज के आत्मसम्मान और सांस्कृतिक चेतना की मिसाल बना।

विधायक मिश्रा ने अपने संबोधन में धर्मांतरण को “गंभीर सामाजिक चुनौती” बताया और घोषणा की कि हर रविवार वे वार्डों में भ्रमण करके इसका प्रतिकार करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धर्मांतरण में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर जनजागरण के माध्यम से सामाजिक प्रतिरोध खड़ा किया जाएगा।

इस अवसर पर भाजपा महामंत्री महेश बघेल, पार्षद पति संतोष हियाल, भाजपा कार्यकर्ता सावित्री जगत, पार्षद कैलाश बेहरा सहित जगन्नाथ सेना के अनेक प्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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