Breaking News: वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट मे मिडिल क्लास को मिल सकती है बड़ी राहत, निर्मला सीतारमण ने दिया संकेत

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आम बजट पेश होने में अब ढाई महीने से भी कम समय बचा है. एक फरवरी 2025 को बजट पेश किया जाएगा. अगले महीने से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट को लेकर सलाह-मशविरा का दौर शुरू करेंगी. इससे पहले वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास को राहत देने को लेकर बड़े संकेत दिए हैं. सोशल मीडिया पर एक यूजर के पोस्ट पर लिखे अपने जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, हमें आपकी चिंताओं का एहसास है. वित्त मंत्री ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार एक उत्तरदायी सरकार है जो लोगों की आवाजें सुनती भी है और उसका समाधान भी करती है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुषार शर्मा नाम के यूजर ने वित्त मंत्री सीतारमण को अपने पोस्ट में टैग करते हुए लिखा, देश के लिए हम आपके प्रयासों और योगदान की सराहना करते हैं, और हम आपकी प्रशंसा करते हैं. मैं आपसे विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि आप मिडिल क्लास को कुछ राहत देने पर विचार करें. यूजर ने आगे लिखा, मैं इसमें शामिल व्याप्त चुनौतियों को अच्छी तरह समझता हूं, लेकिन इसके लिए आपसे हार्दिक अनुरोध है.

तुषार शर्मा के इस पोस्ट पर वित्त मंत्री ने जवाब भी दिया. निर्मला सीतारमण ने लिखा, मैं आपके इन शब्दों और आपकी समझ के लिए धन्यवाद करती हूं. मैं आपकी चिंताओं को पहचानती हूं और उसकी सराहना करती हूं. वित्त मंत्री ने लिखा, प्रधानमंत्री मोदी की सरकार एक जिम्मेदार सरकार है जो लोगों की आवाजों और उनकी भावनाओं को सुनने के साथ उसका समाधान भी करती है. वित्त मंत्री ने यूजर को धन्यवाद करते हुए लिखा, आपका इनपुट बहुत ही बहुमूल्य है.

हाल के दिनों में ये देखने को मिला है कि मिडिल क्लास के हाथ तंग है. सितंबर और अक्टूबर महीने के महंगाई दर के आंकड़े बता रहे हैं कि आम लोगों और खासतौर से मिडिल क्लास पर महंगाई का बोझ बढ़ा है. अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 14 महीने के हाई 6.21 फीसदी पर जा पहुंची है जबकि खाद्य महंगाई दर 11 फीसदी के करीब 10.87 फीसदी रही है. वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे घोषित करने के दौरान कई एफएमसीजी कंपनियों ने कहा कि, कमरतोड़ महंगाई के चलते शहरी इलाकों में एफएमसीजी और फूड आईटम्स के डिमांड पर असर पड़ा है.

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड से लेकर नेस्ले इंडिया की मैनेजमेंट ने डिमांड घटने की बात को स्वीकार किया है. हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड ने कहा कि जुलाई- सितंबर तिमाही में शहरी मार्केट्स में एफएमसीजी डिमांड में कमी देखने को मिली है. शहरों इलाकों में डिमांड में कमी का सामना नेस्ले इंडिया को भी करना पड़ा है. शहरी इलाकों में रहने वाले मिडिल-क्लास ने अपने खर्चों में कटौती कर दी है. सुरेश नारायण ने कहा, जिन लोगों के पास पैसा है वो जबरदस्त खर्च कर रहे हैं. लेकिन मिडिल-क्लास तंगी महसूस कर रहा है.

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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