छत्तीसगढ़ में कोयला कारोबारियों पर जीएसटी विभाग का शिकंजा, हिंद कोल ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी
बिलासपुर के सीपत क्षेत्र में संचालित हिंद कोल ग्रुप की तीन यूनिटों पर स्टेट जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दस्तावेज जब्त किए और स्टॉक का फिजिकल वैरीफिकेशन किया। प्रारंभिक जांच में कागजी रिकॉर्ड और वास्तविक स्टॉक में भारी अंतर सामने आया है।

रायपुर, 16 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में कोयला कारोबारियों के खिलाफ स्टेट जीएसटी विभाग की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। 15 दिसंबर को विभाग की अलग-अलग टीमों ने सीपत क्षेत्र के गतौरा, बलौदा और हिंडाडीह में स्थित हिंद कोल ग्रुप की तीन यूनिटों क्लीन कोल बेनिफिकेशन, रेडिएंट कोल बेनिफिकेशन और हिंद कोल बेनिफिकेशन पर एक साथ छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार, इन कंपनियों के खिलाफ जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। छापेमारी के दौरान विभाग ने कोयले के स्टॉक का फिजिकल वैरीफिकेशन किया और इंपोर्ट-एक्सपोर्ट से जुड़े दस्तावेजों को जब्त किया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि कंपनी के कागजी रिकॉर्ड और वास्तविक स्टॉक में बड़ा अंतर पाया गया है, जिससे कर चोरी की आशंका और गहराई है।
27.50 करोड़ का टैक्स सरेंडर, इंद्रमणि ग्रुप भी जांच के घेरे में
इससे पहले 13 दिसंबर को स्टेट जीएसटी विभाग ने महावीर कोल वॉशरी, पारस पावर और फील ग्रुप कोल वॉशरी के 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इन कार्रवाइयों के बाद कोयला कारोबारियों ने कुल 27.50 करोड़ रुपये का टैक्स सरेंडर किया है।
इसके अलावा इंद्रमणि ग्रुप के ठिकानों पर भी जांच की गई है, जो बिलासपुर के प्रमुख कोयला कारोबारियों में से एक है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कोयले में मिक्सिंग और फर्जी इनवॉइसिंग की भी आशंका जताई जा रही है।
कार्रवाई से कोल कारोबारियों में हड़कंप
लगातार हो रही छापेमारी और टैक्स वसूली की कार्रवाई से कोयला कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अन्य संदिग्ध फर्मों की भी निगरानी की जा रही है।



