राहुकाल में क्यों टालें शुभ कार्य: जानिए आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त और नवरात्रि की देवी चंद्रघंटा की पूजा विधि
24 सितंबर 2025 को बुधवार के दिन राहुकाल, शुभ मुहूर्त, पंचांग और नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी चंद्रघंटा की पूजा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी।


रायपुर, 24 सितंबर 2025: आज बुधवार के दिन राहुकाल, शुभ मुहूर्त, पंचांग और नवरात्रि के तीसरे दिन की देवी चंद्रघंटा की पूजा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी।
राहुकाल क्या होता है और क्यों होता है
राहुकाल हिन्दू ज्योतिष में प्रतिदिन का एक ऐसा समय होता है जिसे अशुभ माना जाता है। यह काल राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है।
राहुकाल का निर्धारण सूर्योदय के समय से लेकर सूर्यास्त तक के समय को आठ भागों में बांटकर किया जाता है। प्रत्येक दिन का राहुकाल अलग होता है और यह दिन के किसी विशेष समय पर आता है।
इस समय में कोई भी नया कार्य, यात्रा, खरीदारी, विवाह, गृह प्रवेश, या शुभ आरंभ नहीं करना चाहिए क्योंकि माना जाता है कि राहु की छाया उस कार्य को बाधित कर सकती है या नकारात्मक परिणाम दे सकती है।
आज का राहुकाल और अशुभ समय (24 सितंबर 2025, बुधवार)
- राहुकाल: दोपहर 12:18 बजे से 01:48 बजे तक
- यमगण्ड काल: सुबह 07:49 बजे से 09:19 बजे तक
- कुलिक काल: सुबह 10:49 बजे से 12:18 बजे तक
- दुर्मुहूर्त: 11:54 बजे से 12:42 बजे तक
- वर्ज्य काल: रात 10:32 बजे से 12:19 बजे तक
राहुकाल में क्या न करें और क्या कर सकते हैं
- न करें:
- कोई नया कार्य शुरू न करें
- यात्रा आरंभ न करें
- विवाह, सगाई, गृह प्रवेश, या खरीदारी से बचें
- कोई बड़ा निर्णय न लें
- कर सकते हैं:
- पहले से चल रहे कार्यों को जारी रख सकते हैं
- पूजा-पाठ, ध्यान, साधना कर सकते हैं
- राहु ग्रह की शांति हेतु विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं
यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाए तो क्या करें
अभिजीत मुहूर्त को दिन का सबसे शक्तिशाली और शुभ मुहूर्त माना जाता है। यदि यह राहुकाल से टकरा जाए तो ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि अभिजीत मुहूर्त की शुभता राहुकाल की अशुभता को निष्क्रिय कर सकती है। ऐसे में विशेष कार्य अभिजीत मुहूर्त में किए जा सकते हैं, लेकिन सावधानीपूर्वक ज्योतिषीय सलाह लेना उचित रहेगा।
आज के शुभ मुहूर्त (24 सितंबर 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:44 से 05:32 बजे तक
- अमृत काल: सुबह 09:10 से 10:56 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:10 से 03:03 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 01:37 बजे तक
- प्रदोष काल: शाम 06:31 से 07:41 बजे तक
- निशिता काल: रात 11:17 से 12:09 बजे तक
आज का पंचांग (24 सितंबर 2025, बुधवार)
- तिथि: आश्विन शुक्ल पक्ष तृतीया
- वार: बुधवार
- नक्षत्र: चित्रा (दोपहर 04:16 बजे तक), तत्पश्चात स्वाति
- योग: इन्द्र (रात्रि 09:02 बजे तक), फिर वैधृति
- करण: तैतिल (सायं 05:57 बजे तक), फिर गर
- सूर्योदय: सुबह 06:20 बजे
- सूर्यास्त: शाम 06:17 बजे
- चंद्रमा की स्थिति: तुला राशि में
- सूर्य की स्थिति: कन्या राशि में
नवरात्रि का तीसरा दिन, देवी चंद्रघंटा की पूजा
नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह देवी अपने मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र धारण करती हैं, जिससे उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। वे दस भुजाओं वाली हैं और सिंह पर सवार होती हैं। उनके हाथों में अस्त्र-शस्त्र होते हैं और वे भक्तों को भयमुक्त करती हैं।
देवी चंद्रघंटा की कथा के अनुसार, जब शिव से विवाह के लिए पार्वती ने तप किया और विवाह के समय उन्होंने चंद्रघंटा रूप धारण किया, तब उन्होंने राक्षसों का संहार कर देवताओं को भयमुक्त किया।
पूजा विधि और मंत्र
- पूजा का समय: प्रातः 06:20 बजे से 08:00 बजे तक शुभ माना गया है
- पूजा सामग्री: लाल फूल, दुर्गा सप्तशती, घंटा, नारियल, फल, मिठाई
- मंत्र:
- ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
- जाप संख्या: कम से कम 108 बार
धार्मिक महत्व
आज का दिन नवरात्रि के तीसरे दिन के रूप में देवी चंद्रघंटा की आराधना के लिए अत्यंत शुभ है। यह दिन साहस, शक्ति और भयमुक्त जीवन के लिए देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर है।
डिस्क्लेमर : यह समाचार धार्मिक मान्यताओं, पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निर्णय से पूर्व विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। www.the4thpillar.live ऊपर दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।