छत्तीसगढ़ में खूब छलका जाम,नए साल में पी गए 45 करोड़ की शराब

रायपुर । नए साल के उत्सव में मदिरापान में छत्तीसगढ़ भी पीछे नहीं रहा।नए साल में शराब की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री हुई। बड़े राज्यों में तो शराब की खपत का आकड़ा 100 करोड़ से ऊपर है, लेकिन छोटे राज्यों में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड से आगे रहा।

आठ राज्यों के आंकड़े देखे तो पता चलता है कि छत्तीसगढ़ छठवें नंबर पर रहा। यहां एक दिन के जलसे में शौकीनों ने तकरीबन 45 करोड़ का जाम छलकाया।

जानकारों के मुताबिक छग छठे नंबर पर जरूर है, फिर भी आबादी के लिहाज से राज्य में शराब की खपत ज्यादा है। इसकी सबसे ज्यादा खपत शहरी क्षेत्र में हुई है। ग्रामीण तथा कस्बाई क्षेत्र में शराब का सेवन कम किया गया है। ग्रामीण तथा कस्बाई क्षेत्र में अंग्रेजी से ज्यादा देशी शराब का सेवन किया गया। आंकड़े बताते हैं, देश के टॉप आठ राज्यों में छत्तीसगढ़ का स्थान छठवें नंबर पर रहा।

नए साल में शराब बिक्री के मामले में उत्तरप्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक जैसे राज्य टॉप थ्री में रहे। इन तीनों राज्यों में शराब बिक्री का आंकड़ा तीन सौ करोड़ से छह सौ करोड़ रुपए रहा है। शराब पीने के मामले में केरल छत्तीसगढ़ से आगे रहा है। केरल में नए साल के अवसर पर पियक्कड़ 108 करोड़ रुपए की शराब गटक गए।

रायपुर के अलावा दो जिले रहे टॉप पर

शराब बिक्री के मामले में रायपुर के अलावा दो और जिले टॉप पर रहे। रायपुर जिले में 31 दिसंबर को 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की शराब की खपत हुई है। रायपुर के बाद बिलासपुर और दुर्ग जिले का नाम आता है। शराब से एक दिन में जितनी कमाई हुई है, उसमें 50 प्रतिशत हिस्सा रायपुर, दुर्ग तथा बिलासपुर जिले का है। यही तीन जिले सबसे आगे रहे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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