Panchang: 11 सितंबर 2025, आज का पंचांग, शुभ और अशुभ मुहूर्त का विस्तृत विवरण



राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त: शुभ-अशुभ के बीच का गणित :

ज्योतिष के अनुसार, राहुकाल दिन का वह अशुभ समय होता है जब कोई भी शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। यह राहु ग्रह से संबंधित होता है, जिसे वैदिक ज्योतिष में एक छाया ग्रह (shadow planet) माना जाता है। राहु को एक विघ्नकर्ता और बाधा उत्पन्न करने वाले ग्रह के रूप में देखा जाता है। इसलिए, माना जाता है कि राहुकाल में शुरू किए गए कार्यों में असफलता, देरी या बाधाएँ आ सकती हैं। यह समय हर दिन बदलता है और सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच के समय को आठ बराबर भागों में विभाजित करके निर्धारित किया जाता है।

राहुकाल में क्या न करें? राहुकाल के दौरान कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए:

  • कोई नया कार्य शुरू न करें: चाहे वह व्यापार, नौकरी, या कोई नया प्रोजेक्ट हो, इसकी शुरुआत इस समय में नहीं करनी चाहिए।
  • यात्रा से बचें: विशेषकर यदि यात्रा महत्वपूर्ण हो, तो इस समय में यात्रा शुरू करने से बचना चाहिए।
  • महत्वपूर्ण खरीदारी न करें: वाहन, घर, या कोई महंगा सामान इस समय में खरीदना अशुभ माना जाता है।
  • शुभ संस्कार न करें: विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों को इस समय के लिए टाल देना चाहिए।
  • लेन-देन से बचें: पैसों का बड़ा लेन-देन, लोन लेना या देना भी इस समय में उचित नहीं माना जाता है।

राहुकाल में क्या करें? राहुकाल में कुछ कार्य किए जा सकते हैं, जिनसे कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता। इनमें दैनिक पूजा-पाठ, ध्यान, मंत्र जाप और पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखना शामिल है।

राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ? यदि राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त एक साथ पड़ जाएँ, तो अभिजीत मुहूर्त की शुभता को प्राथमिकता दी जा सकती है, लेकिन फिर भी सावधानी बरतनी चाहिए। अभिजीत मुहूर्त दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है और यह लगभग हर दिन दोपहर में पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त एक शक्तिशाली समय होता है जो राहुकाल के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है। हालांकि, यदि संभव हो तो राहुकाल से पूरी तरह से बचना ही सबसे उत्तम उपाय है।

आज का पंचांग: 11 सितंबर 2025

शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:31 बजे से 05:19 बजे तक
  • प्रातः संध्या: सुबह 04:55 बजे से 06:07 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:51 बजे से दोपहर 12:40 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:18 बजे से 03:07 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:21 बजे से 06:45 बजे तक
  • सायाह्न संध्या: शाम 06:21 बजे से 07:33 बजे तक
  • अमृत काल: सुबह 08:31 बजे से 09:56 बजे तक

अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल: दोपहर 01:46 बजे से 03:19 बजे तक
  • यमगण्ड: सुबह 06:07 बजे से 07:40 बजे तक
  • गुलिक काल: सुबह 09:13 बजे से 10:46 बजे तक
  • दुर्मुहूर्त: सुबह 10:14 बजे से 11:03 बजे तक और दोपहर 03:07 बजे से 03:56 बजे तक

आज की पंचांग जानकारी

  • तिथि: नवमी, सुबह 08:52 बजे तक, फिर दशमी
  • नक्षत्र: कृत्तिका, सुबह 09:47 बजे तक, फिर रोहिणी
  • योग: व्याघात, सुबह 11:24 बजे तक, फिर हर्षण
  • करण: बालव, सुबह 08:52 बजे तक, फिर कौलव
  • पक्ष: शुक्ल पक्ष
  • मास: भाद्रपद
  • शक संवत: 1947
  • विक्रम संवत: 2082

सूर्य और चंद्र की स्थिति

  • सूर्योदय: सुबह 06:07 बजे
  • सूर्यास्त: शाम 06:21 बजे
  • चंद्रोदय: दोपहर 02:44 बजे
  • चंद्रास्त: देर रात 12:40 बजे (12 सितंबर)

आज का धार्मिक महत्व

आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष मानी जाती है। इसके अलावा, आज के दिन चंद्रमा की रोहिणी नक्षत्र में उपस्थिति अत्यंत शुभ मानी जाती है, जिससे धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ का महत्व बढ़ जाता है। इस दिन व्रत-उपवास रखने और दान-पुण्य करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी www.the4thpillar.live के द्वारा संकलित की गई है। यह पंचांग ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है और केवल सामान्य जानकारी के लिए है। हम इसकी पूर्ण सटीकता की गारंटी नहीं देते हैं। किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को शुरू करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित रहेगा।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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