नई दिल्ली/नासा: भारत के अंतरिक्ष गौरव, शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में सफलतापूर्वक दाखिल होने वाले 634वें अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। 28 घंटे की रोमांचक यात्रा के बाद, बृहस्पतिवार को शुक्ला ने अपने तीन साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस में कदम रखा, जहां एक्सपीडिशन 73 के सदस्यों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
ऐतिहासिक पल और औपचारिक स्वागत
एक्जियोम मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुभांशु शुक्ला के साथ-साथ पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू को अंतरिक्ष यात्री ‘पिन’ प्रदान किए, जिन्होंने अंतरिक्ष में अपनी पहली यात्रा पूरी की है। यह पल तीनों देशों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, खासकर भारत के लिए, क्योंकि यह गगनयान मिशन से पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव और मील का पत्थर साबित होगा।
⚡ Axiom-4 Mission Pilot Shubhanshu Shukla:
"Ek chhota sa sandesh mere pyaare deshvaasiyon ke liye…" pic.twitter.com/Mk8gpK5SrJ
— OSINT Updates (@OsintUpdates) June 26, 2025
शुभांशु का हिंदी में पहला संदेश: “जय हिंद, जय भारत!”
आईएसएस में सफल डॉकिंग के बाद, शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से अपना पहला संदेश हिंदी में भेजा, जो देश के लिए एक भावनात्मक और गर्व का क्षण था। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए खास पल है और मैं अपना तिरंगा लेकर चल रहा हूं।” अपनी शुरुआती शारीरिक प्रतिक्रिया साझा करते हुए उन्होंने बताया, “सिर भारी हो गया है, लेकिन आदत हो जाएगी।”
औपचारिक स्वागत समारोह के दौरान, शुक्ला ने अपनी खुशी और कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “मैं 634वां अंतरिक्ष यात्री हूं। यहां आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।” अपने माता-पिता और देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आपके प्यार और आशीर्वाद से मैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंच गया हूं। यहां खड़ा होना आसान लग रहा है, लेकिन मेरा सिर थोड़ा भारी है, कुछ कठिनाई हो रही है; लेकिन ये छोटी-मोटी बातें हैं। हमें इसकी आदत हो जाएगी। यह इस यात्रा का पहला कदम है।” उन्होंने अपने संदेश का समापन “जय हिंद, जय भारत” के उद्घोष के साथ किया, जिसने लाखों भारतीयों को गौरवान्वित किया।
आगामी 14 दिन: विज्ञान, अनुसंधान और संवाद
शुक्ला ने बताया कि अगले 14 दिनों तक वह और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोगों में भाग लेंगे और पृथ्वी पर लोगों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, “यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा का भी एक चरण है। मैं आपसे बात करता रहूंगा। आइए इस यात्रा को रोमांचक बनाएं। मैं तिरंगा साथ लाया हूं और आप सभी को भी अपने साथ लेकर चल रहा हूं। अगले 14 दिन रोमांचक होंगे।”
अंतरिक्ष स्टेशन तक की उनकी यात्रा को उन्होंने “अद्भुत और शानदार” बताया और आईएसएस के चालक दल द्वारा किए गए स्वागत से वे अभिभूत थे। उन्होंने कहा, “जिस क्षण मैंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया और इस चालक दल से मिला, आपने मुझे इतना सम्मानित महसूस कराया, मानो आपने सचमुच अपने घर के दरवाज़े हमारे लिए खोल दिए हों।
यह शानदार था। अब मैं और भी बेहतर महसूस कर रहा हूं। यहां आने से मेरी जो भी अपेक्षाएं थीं, वे दृश्य से कहीं बढ़कर हैं।” उन्होंने विश्वास जताया कि अगले 14 दिन विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाने और मिलकर काम करने में अद्भुत रहेंगे।
सीएम योगी ने की शुभांशु के माता-पिता से मुलाकात
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार शाम को शुभांशु के माता-पिता से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने शुभांशु के माता-पिता की सराहना की और इस पल को भारत के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने शुभांशु के माता-पिता को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया, जो इस उपलब्धि के महत्व को दर्शाता है। शुभांशु शुक्ला का संबंध उत्तर प्रदेश से है, जिससे राज्य में भी खुशी की लहर है।
शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए भी एक प्रेरणादायक कदम है। उनका हिंदी में संदेश और तिरंगे के साथ उपस्थिति भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत करती है और युवा पीढ़ी को विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए प्रेरित करती है।