रायपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग में तीन वर्षीय बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की पुष्टि हुई है। यह राज्य में इस वायरस का पहला मामला है, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है।
बच्चे का इलाज फिलहाल बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में जारी है, और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बच्चे को एम्स रायपुर भेजने की तैयारी स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, कोरबा जिले के रहने वाले इस बच्चे को 27 जनवरी को तेज बुखार, सर्दी और खांसी की शिकायत के बाद बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में डॉक्टरों को संक्रमण का संदेह हुआ, जिसके बाद उसका नमूना जांच के लिए एम्स, रायपुर भेजा गया। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित है।
चूंकि उसकी हालत में विशेष सुधार नहीं हो रहा है, इसलिए उसे बेहतर इलाज के लिए एम्स, रायपुर रेफर करने पर विचार किया जा रहा है। बिलासपुर और कोरबा में अलर्ट एचएमपीवी के पहले मामले के सामने आने के बाद बिलासपुर और कोरबा जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। कोरबा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) द्वारा क्षेत्र में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की पहचान के लिए विशेष सर्वे कराया जा रहा है। बिलासपुर जिले के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद तिवारी ने बताया कि बच्चे को अस्पताल के अन्य मरीजों से अलग रखा गया है और उसका इलाज शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील कुमार की निगरानी में हो रहा है।
उन्होंने कहा कि संक्रमित बच्चे के परिवार के तीन अन्य बच्चों को भी निगरानी में रखा गया है, लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं मिले हैं। क्या है HMPV वायरस ? एचएमपीवी एक श्वसन संक्रामक वायरस है, जो खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई के रूप में सामने आते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग की अपील अधिकारियों ने नागरिकों से सतर्क रहने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की अपील की है। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार संक्रमण की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं ताकि किसी भी नए मामले को समय रहते नियंत्रित किया जा सके।
HMPV से बचने के उपाय
- नियमित रूप से साबुन से हाथ धोना।
- सेनेटाइजर का उपयोग करना।
- अस्पताल व भीड़ वाली जगहों पर मास्क लगाना।
- बीमार लोगों से दूर रहना
- खांसते व छींकते समय मुंह पर रूमाल लगाना।
- सांस संबंधी बीमारी होने पर घर में रहना।