छत्तीसगढ़ विधानसभा में राशनकार्ड फर्जीवाड़े पर हंगामा, अजय चंद्राकर ने की SIR जांच की मांग
बिलासपुर जिले में APL से BPL राशनकार्ड में कथित रूप से फर्जी तरीके से बदलाव का मामला विधानसभा में गरमाया। भाजपा विधायकों ने 250 से अधिक संदिग्ध कार्डों का हवाला देते हुए उच्च स्तरीय जांच और SIR (स्पेशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) की मांग की।

रायपुर, 16 दिसंबर 2025 – छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राशनकार्ड फर्जीवाड़े का मुद्दा सदन में जोर-शोर से उठा। बेलतरा से भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने प्रश्नकाल के दौरान बिलासपुर जिले में वर्ष 2023 से नवंबर 2025 के बीच सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत APL (एबव पॉवर्टी लाइन) राशनकार्डधारियों को BPL (बिलो पॉवर्टी लाइन) श्रेणी में परिवर्तित किए जाने पर सवाल उठाया।
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने जवाब में बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर गठित समिति द्वारा की गई जांच में 19 राशनकार्डों में से 15 को हितग्राहियों की सहमति से APL से BPL में बदला गया, जबकि 4 कार्ड नगर पालिका निगम बिलासपुर के जोन क्रमांक 4 के कमिश्नर की अनुशंसा पर बदले गए।
हालांकि, विधायक शुक्ला इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन द्वारा दर्ज एफआईआर में यह स्पष्ट किया गया है कि इन कार्डों की प्रमाणिकता संदिग्ध है और उनके पास 250 से अधिक ऐसे राशनकार्डों की सूची है जो नियमों के विरुद्ध जारी किए गए हैं। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर मामले की गहराई से जांच की मांग की।
इसी दौरान कुरुद से भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रदेशभर में राशनकार्डों की SIR (स्पेशल इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट) करवाई जानी चाहिए, ताकि व्यापक स्तर पर हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके। उन्होंने यह भी तंज कसा कि जब मंत्री हर बात से इंकार कर रहे हैं, फिर जांच की बात क्यों स्वीकार कर रहे हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने भी मंत्री के जवाबों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि मंत्री जांच की बात मान रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि गड़बड़ी हुई है। ऐसे में गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि प्रदेशभर में राशनकार्डों की SIR कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।



