छत्तीसगढ़ विधानसभा में बेरोजगारी भत्ता और रोजगार पंजीयन पर गरमाया सत्र, विपक्ष का वॉकआउट
शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बेरोजगारी भत्ता और रोजगार पंजीयन को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर युवाओं से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।

रायपुर, 16 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में बेरोजगारी भत्ता और युवाओं के रोजगार पंजीयन को लेकर जोरदार हंगामा हुआ।
बस्तर से कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि प्रदेश में अब तक कितने बेरोजगार युवाओं का पंजीयन हुआ है और उन्हें रोजगार देने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं।
इस पर तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने जानकारी दी कि एक अप्रैल 2024 तक प्रदेश में कुल 11,39,656 बेरोजगार युवाओं का पंजीयन हुआ है।
उन्होंने बताया कि बीते दो वर्षों में राज्य सरकार ने रोजगार मेलों और प्लेसमेंट कैंपों के माध्यम से क्रमशः 5,314 और 4,149 युवाओं को रोजगार दिलाया है।
मंत्री ने आगे कहा कि सरकार युवाओं को केवल नौकरी देने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि उन्हें रोजगार प्रदाता बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण भी दे रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का लक्ष्य अगले एक वर्ष में 14,000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है।
हालांकि, विपक्ष ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बेरोजगारी भत्ता योजना बंद नहीं होने के बावजूद युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
इस पर मंत्री खुशवंत ने जवाब दिया कि पिछली सरकार के समय युवा रोजगार कार्यालयों के चक्कर काटते थे, जबकि वर्तमान सरकार ने ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा शुरू की है।
इस बयान पर पूर्व तकनीकी शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने आपत्ति जताई और कहा कि ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था उनकी सरकार के कार्यकाल में ही लागू की गई थी। इस मुद्दे पर दोनों मंत्रियों के बीच तीखी बहस हुई।
विपक्ष के असंतोष के चलते कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर आरोप लगाया कि घोषणा पत्र और बजट में बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया था, लेकिन धरातल पर इसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के साथ धोखा कर रही है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर राज्य में युवाओं की बेरोजगारी और सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता को लेकर बहस छेड़ दी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि यदि योजना बंद नहीं हुई है तो युवाओं को भत्ता क्यों नहीं मिल रहा।



