ऑपरेशन साइबर शील्ड: 6 अंतरराज्यीय हैकर्स गिरफ्तार, फर्जी APK से मोबाइल हैक कर करोड़ों की धोखाधड़ी

दिल्ली, महाराष्ट्र और बंगाल समेत 5 राज्यों में रेंज पुलिस की बड़ी कार्रवाई; RTO चालान, PM किसान योजना के नाम पर ठगी का नेटवर्क ध्वस्त



रायपुर । रेंज पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय रायपुर द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन साइबर शील्ड’ के तहत एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। पुलिस ने देश भर में फैले एक अंतरराज्यीय साइबर अपराधी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह प्रमुख आरोपियों को दिल्ली, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया है। यह गिरोह फर्जी ‘.APK’ (एंड्रॉइड पैकेज किट) फाइलें भेजकर लोगों के मोबाइल फोन को हैक कर बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था।

कार्यवाही और ठगी का तरीका

​रेंज पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा के सीधे निर्देश पर यह बड़ी कार्रवाई की गई। गिरफ्तार आरोपियों ने व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर RTOechallan.apk और PMkisanyojna.apk जैसी फर्जी फाइलें भेजकर दो प्रार्थियों से क्रमशः 5.12 लाख और 12 लाख रुपये की ठगी की थी।

ऐसे काम करता था गिरोह:

  • APK निर्माण: मुख्य हैकर धर्मजीत सिंह (पुणे, महाराष्ट्र) मेलेशियस कोड एम्बेड करके फर्जी APK फाइलें बनाता था। ये ऐप्स सरकारी योजनाओं (PM किसान, आयुष्मान कार्ड, PM आवास), बैंकों (ICICI, SBI), और अन्य विश्वसनीय संस्थानों (RTO E-चालान, इंश्योरेंस) के आधिकारिक ऐप्स की तरह दिखते थे।
  • वितरण और हैकिंग: धर्मजीत इन फर्जी APK फाइलों को टेलीग्राम जैसे ग्रुप्स में 500 से अधिक लोगों को बेचता था। हैकर्स इरफान अंसारी (पश्चिम बंगाल) के माध्यम से इन फाइलों को पीड़ितों के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित करते थे। जैसे ही पीड़ित धोखे से इसे डाउनलोड और इंस्टॉल करते थे, उनका मोबाइल पूरी तरह हैक हो जाता था।
  • फंड फ्लो: मोबाइल हैक होने के बाद, अपराधी सौरभ कुमार (नोएडा) और आलोक कुमार (दिल्ली) पीड़ित के बैंकिंग विवरण प्राप्त कर राशि को ‘म्यूल अकाउंट्स’ में ट्रांसफर करते थे। इसके बाद चांद बाबू (शिवपुरी, मध्य प्रदेश) के माध्यम से इरफान अंसारी एटीएम का उपयोग कर राशि आहरित कर लेता था।

जब्ती और खुलासे

​तकनीकी विश्लेषण और गहन पूछताछ के आधार पर पुलिस ने पाया कि आरोपियों द्वारा RTOchallan.apk, ICICIBank.apk, PMkishan.apk, SBIyono.apk सहित दर्जनों अन्य फर्जी एपीके फाइलें बनाकर धोखाधड़ी की जा रही थी और उन्हें अन्य अपराधियों को बेचा जा रहा था।

​गिरफ्तार आरोपियों के व्यक्तिगत बैंक खातों में ₹2 लाख की राशि को होल्ड कराया गया है। साथ ही, पता चला है कि धोखाधड़ी से प्राप्त कुछ रकम का इस्तेमाल आरोपियों ने अपनी मोबाइल दुकान में सामान भरने में किया था।

गिरफ्तार आरोपी:

  1. सौरभ कुमार (33 वर्ष, नोएडा) – फर्जी कंपनी बनाकर बैंक खाता खुलवाने का कार्य।
  2. आलोक कुमार (25 वर्ष, दिल्ली) – म्यूल बैंक खाता संकलन कर बिक्री करना।
  3. चांद बाबू (32 वर्ष, शिवपुरी, म.प्र.) – ठगी की राशि को बैंक खातों से आहरित कर लेन-देन करना।
  4. धर्मजीत सिंह (18 वर्ष, पुणे, महाराष्ट्र) – फर्जी APK फाइल बनाने वाला हैकर।
  5. मोहम्मद इरफान अंसारी (23 वर्ष, आसनसोल, प. बंगाल) – APK फाइल को पीड़ितों को व्हाट्सएप में भेजने का कार्य।
  6. मारूफ सिद्दीकी अंसारी (20 वर्ष, ठाणे, महाराष्ट्र) – म्यूल बैंक खाता संकलन कर बिक्री करना।

बचाव हेतु जनता से अपील (पुलिस महानिरीक्षक, रेंज रायपुर)

  • ​मोबाइल पर आने वाले किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, न ही उसे डाउनलोड या इंस्टॉल करें।
  • ​एप्लीकेशन को केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
  • ​ऐप इंस्टॉल करते समय अनावश्यक अनुमतियों (Permissions) की जाँच करें।
  • ​यदि मोबाइल हैक हो जाए तो तत्काल सिम निकाल दें और मोबाइल को फ्लाइट मोड पर डाल दें।
  • ​किसी भी धोखाधड़ी की स्थिति में, तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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