राष्ट्रीय एकता दिवस: सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर भव्य समारोह, पीएम मोदी ने दिलाई ‘एकता की शपथ’

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर गणतंत्र दिवस की तर्ज पर हुई भव्य परेड, देशभर में 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन।



रायपुर, 31 अक्टूबर 2025: भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 150वीं जयंती है, जिसे पूरे देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में बड़े हर्षोल्लास और भव्यता के साथ मनाया जा रहा है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के नर्मदा जिले के एकता नगर (पूर्व में केवडिया) स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।

पीएम मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर अर्पित की श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार सुबह सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर पहुंचे और उन्हें नमन किया। इसके बाद उन्होंने पास ही आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में हिस्सा लिया।

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट कर लिखा कि भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वे भारत के एकीकरण के पीछे प्रेरक शक्ति थे और इस प्रकार हमारे राष्ट्र के प्रारंभिक वर्षों में इसके भाग्य को आकार दे रहे थे।

राष्ट्रीय अखंडता, सुशासन और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। हम एक अखंड, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण को बनाए रखने के अपने सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि करते हैं।

सरदार पटेल: 562 रियासतों के एकीकरण के शिल्पकार

सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी अटूट इच्छाशक्ति और कूटनीति के कारण भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है। उन्होंने आजादी के बाद 562 रियासतों को भारतीय संघ में सफलतापूर्वक विलय कर देश की राजनीतिक और भौगोलिक एकता सुनिश्चित करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल 31 अक्टूबर को उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

राष्ट्रीय एकता दिवस परेड का भव्य आयोजन

इस वर्ष राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय एकता दिवस परेड रहा, जिसका आयोजन दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड की तर्ज पर किया गया। यह आयोजन देश की एकता, अखंडता और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने वाला एक प्रेरक उत्सव था।

  • 16 टुकड़ियां और 9 बैंड: परेड में सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) जैसे अर्धसैनिक बलों तथा विभिन्न राज्य पुलिस बलों की 16 टुकड़ियां और 9 बैंड शामिल हुए।
  • महिला अधिकारियों का नेतृत्व: इस बार की परेड को महिला अधिकारियों ने लीड किया, जिसमें गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी सिमरन भारद्वाज ने परेड कमांडर के रूप में पीएम मोदी को सलामी दी।
  • भारतीय नस्ल के श्वान दस्ता: आत्मनिर्भर भारत की भावना को दर्शाते हुए इस परेड में भारतीय नस्ल के कुत्तों (रामपुर हाउंड्स और मुधोल हाउंड्स) का एक अनूठा मार्चिंग दस्ता भी शामिल हुआ।
  • सांस्कृतिक उत्सव: समारोह में सांस्कृतिक उत्सव और सुरक्षा बलों का अद्भुत तालमेल देखने को मिला, जिसमें उनके कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन किया गया। राज्यों की झांकियों ने भी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को प्रदर्शित किया।

देशभर में ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर, देश के विभिन्न हिस्सों में देशभक्ति और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए ‘रन फॉर यूनिटी’ (एकता दौड़) और निबंध प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 1 से 15 नवंबर तक ‘भारत पर्व 2025’ मनाए जाने की घोषणा भी की, जिसका समापन 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर होगा। इस ‘भारत पर्व’ में 100 फूड, हस्तकला, और हथकरघा स्टॉल के साथ 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक प्रदर्शनियां भी लगेंगी।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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