टमाटर की आग ने बिगाड़ी कंगाल पाकिस्तान की रसोई: 700 रुपए किलो हुआ ‘लाल सोना’, शरीफ सरकार की बढ़ी मुश्किलें

अफगानिस्तान से सीमा विवाद के चलते व्यापार ठप; 100 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब चिकन से भी महंगा; हजारों ट्रक सीमा पर फंसे।



रायपुर, 24 अक्टूबर 2025: आर्थिक बदहाली झेल रहे पाकिस्तान में टमाटर की कीमतों ने जनता का जीना मुहाल कर दिया है। पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के साथ सीमा बंद होने के कारण सब्जियों और फलों की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है, जिसके चलते टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं।

अब पाकिस्तान में लोग खुशी से ‘वाह’ नहीं, बल्कि ‘आह टमाटर’ कहते नजर आ रहे हैं, क्योंकि 100 रुपए प्रति किलो बिकने वाला टमाटर अब कई शहरों में 700 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है, जिससे यह आम आदमी की थाली से गायब हो चुका है।

कीमतों में रिकॉर्ड उछाल का कारण

पाकिस्तान में महंगाई बम फूटने का मुख्य कारण अफगानिस्तान के साथ चल रहा सीमा विवाद है। 11 अक्टूबर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मुख्य तोरखम सीमा बंद होने से दोनों देशों के बीच $2.3 अरब के वार्षिक व्यापार पर ब्रेक लग गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झेलम और गुजरांवाला जैसे शहरों में टमाटर की कीमतें 700 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। गुजरांवाला में यह 575 रुपए, फैसलाबाद में 500 रुपए और मुल्तान में 450 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जबकि सरकार द्वारा निर्धारित आधिकारिक दर इससे काफी कम है। इस अप्रत्याशित वृद्धि ने टमाटर को चिकन और अन्य लग्जरी सामान से भी महंगा बना दिया है।

बॉर्डर पर फंसे 5,000 से अधिक कंटेनर

महंगाई की इस आग को और भड़काने का काम सीमा पर फंसे हुए मालवाहक ट्रकों ने किया है। उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में मुख्य तोरखम सीमा पर एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि सीमा के दोनों ओर लगभग 5,000 से अधिक कंटेनर माल फंसा हुआ है। इन ट्रकों में ताजे फल, सब्जियां, खनिज, दवाइयां, गेहूं, चावल और डेयरी उत्पाद जैसी खराब होने वाली वस्तुएं भरी हुई हैं।

काबुल में पाक-अफगान चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख खान जान अलोकोजाय ने बताया कि लड़ाई शुरू होने के बाद सभी व्यापार और सामानों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है, जिससे दोनों देशों को रोजाना लगभग $10 लाख (लगभग 8 करोड़ रुपये) का भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, रोज निर्यात के लिए आने वाले लगभग 500 कंटेनर सब्जियां खराब हो चुकी हैं।

युद्ध और महंगाई का दोहरा वार

पाकिस्तान में टमाटर की कीमतों में इस भारी उछाल के पीछे स्थानीय फसल का खराब होना भी एक कारण है, लेकिन अफगानिस्तान से आयात का अचानक रुक जाना सबसे बड़ा झटका साबित हुआ है। पाकिस्तान टमाटर समेत कई जरूरी चीजों के लिए अफगान सप्लाई पर निर्भर था। पाकिस्तानी अधिकारी अब बाजार में टमाटर, सेब और अंगूर की कमी को स्वीकार कर रहे हैं, और हालात काबू से बाहर नजर आ रहे हैं।

गौरतलब है कि हाल के दिनों में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच भीषण सैन्य झड़पें हुई थीं, जब पाकिस्तानी एयर फोर्स ने काबुल में हवाई हमले किए थे। इन झड़पों के बाद से ही सीमा बंद है। फिलहाल, जनता महंगाई की मार से त्रस्त है, जबकि शहबाज शरीफ सरकार पड़ोसियों के साथ तनाव कम करने में व्यस्त दिख रही है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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