रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2025 के दूसरे दिन धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने सिलतरा स्थित जायसवाल निको इंडस्ट्रीज लिमिटेड के संचालन पर तीखा सवाल उठाया, जिससे उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन जवाब देने में उलझते दिखाई दिए।
विधायक ने मंत्री से पूछा कि क्या ब्लास्ट फर्नेस एवं पावर प्लांट में श्रम कल्याण निधि अधिनियम, 1982 के तहत विभागीय निरीक्षण हुआ था? यदि हाँ, तो किन विसंगतियों का खुलासा हुआ और क्या जांच अधिकारी द्वारा कोई प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया?
मंत्री देवांगन ने दावा किया कि “जांच में कोई विशेष विसंगति नहीं मिली।” लेकिन विधायक शर्मा ने पूर्व के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए बताया कि प्लांट द्वारा करीब 71 कानूनी धाराओं का उल्लंघन किया गया था—जिनमें कारखाना अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम, संविदा श्रमिक अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, उपादान भुगतान अधिनियम व अन्य श्रम-संबंधी कानून शामिल हैं।
विधायक ने यह भी बताया कि प्लांट प्रबंधन ने तीन दिन में एक संतोषजनक जवाब देकर विभागीय फाइल को नस्तीबद्ध करवा दिया, जिससे ऐसी कार्यवाहियों की गंभीरता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
अनुज शर्मा ने उजागर किया कि जायसवाल निको का ऑक्सीजन प्लांट जर्जर अवस्था में है और उसकी मरम्मत नहीं की गई है, जो कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन चुका है। उन्होंने इसे श्रमिकों की जिंदगी के साथ खुला खिलवाड़ बताते हुए मंत्री से फिर से जांच कराने की मांग की।
विवादित जवाबों और गंभीर आरोपों के बीच, उद्योग मंत्री ने विधायक की मांग को स्वीकारते हुए मामले की पुनः जांच कराने का आश्वासन दिया।