मुंबई: अभिनेत्री और मॉडल शेफाली जरीवाला की अचानक हुई मौत ने मनोरंजन जगत को स्तब्ध कर दिया है, और उनकी मृत्यु का कारण जानने के लिए हर कोई उत्सुक है। हालांकि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने अपना ओपिनियन ‘रिजर्व’ रखा है, मुंबई पुलिस सूत्रों का दावा है कि शेफाली की मौत सेल्फ-मेडिकेशन के कारण हुए कार्डियक अरेस्ट से हुई हो सकती है। यह घटना सेल्फ-मेडिकेशन के गंभीर खतरों को एक बार फिर उजागर करती है।
कूपर अस्पताल की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई निष्कर्ष नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, उन्होंने मौखिक रूप से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ऐसी आशंका के बारे में जानकारी दी है।
जांच में सामने आए महत्वपूर्ण बिंदु
पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अब तक शेफाली के पति पराग त्यागी, उनके माता-पिता सहित 12 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। सभी बयानों से यह स्पष्ट होता है कि शेफाली लंबे समय से बिना डॉक्टर की सलाह के कुछ दवाएं ले रही थीं। परिवार ने किसी भी प्रकार की साजिश या आपराधिक पहलू पर कोई सवाल नहीं उठाया है।
पुलिस को शेफाली के घर की तलाशी के दौरान उनके फ्रिज और टेबल ड्रॉअर से कई तरह की दवाएं मिली हैं। इनमें ग्लूटाथियोन कैप्सूल, पैन डीएसआर, स्किन व्हाइटनिंग कैप्सूल, हाई डोज एंटी-एजिंग इंजेक्शन और अन्य दवाएं शामिल हैं। यह दावा किया जा रहा है कि इनमें से कुछ दवाएं शेफाली बिना किसी वैध मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के ले रही थीं।
फ्राइड राइस और इंजेक्शन का कनेक्शन
पुलिस सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, शेफाली के घर पर काम करने वाली नौकरानी ने अपने बयान में एक महत्वपूर्ण दावा किया है। उसने बताया कि 27 जून को सत्यनारायण पूजा के बाद शेफाली ने फ्रिज में रखा बचा हुआ फ्राइड राइस गर्म करके खाया और इसके बाद एक एंटी-एजिंग इंजेक्शन लिया। यह घटनाक्रम उनकी मौत से कुछ समय पहले का है और जांच के दायरे में है।
हालांकि, अब तक की जांच में किसी भी तरह की साजिश या आपराधिक पहलू सामने नहीं आया है। लेकिन चूंकि यह मामला एक प्रसिद्ध हस्ती से जुड़ा है, इसलिए मुंबई पुलिस अंतिम पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रही है ताकि मौत के वास्तविक कारण की पुष्टि की जा सके। विसरा रिपोर्ट रासायनिक विश्लेषण के माध्यम से शरीर में दवाओं या अन्य पदार्थों की उपस्थिति का पता लगाने में महत्वपूर्ण होती है।
सेल्फ-मेडिकेशन: एक बढ़ती चिंता
शेफाली जरीवाला की दुखद मौत ने सेल्फ-मेडिकेशन के खतरों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारत में बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं लेने का चलन चिंताजनक रूप से बढ़ रहा है, खासकर ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाओं और इंटरनेट पर उपलब्ध “स्वास्थ्य” सप्लीमेंट्स के संबंध में। त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम से लेकर एंटी-एजिंग इंजेक्शन तक, कई उत्पादों को बिना उचित मार्गदर्शन के इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि दवाएं, भले ही वे सामान्य लगती हों, व्यक्ति के शरीर और अन्य दवाओं के साथ अप्रत्याशित रूप से प्रतिक्रिया कर सकती हैं। गलत खुराक, गलत संयोजन या मौजूदा स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में जानकारी के अभाव में दवाओं का सेवन अंग विफलता, गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाओं, और कार्डियक अरेस्ट जैसी जानलेवा समस्याओं का कारण बन सकता है। यह घटना एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में काम कर सकती है कि स्वास्थ्य संबंधी किसी भी निर्णय से पहले हमेशा योग्य चिकित्सा पेशेवर से सलाह लेना अनिवार्य है।