लंदन, 26 जून, 2025: ब्रिटेन तेजी से बदलते वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य और बढ़ते तनाव के बीच परमाणु युद्ध की तैयारियों को तेज कर रहा है। हालिया घोषणाओं और नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति से संकेत मिलता है कि यूनाइटेड किंगडम एक “युद्ध के लिए तैयार, कवच-बंद राष्ट्र” बनने की दिशा में अग्रसर है, जिसमें परमाणु क्षमताओं का विस्तार एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
परमाणु क्षमताओं का विस्तार:
ब्रिटेन ने हाल ही में 12 F-35A लड़ाकू विमान खरीदने की योजना की घोषणा की है, जो परमाणु बम ले जाने में सक्षम होंगे। यह शीत युद्ध के बाद पहली बार है जब ब्रिटेन के पास हवा से परमाणु हमला करने की क्षमता होगी, जो अब तक केवल रॉयल नेवी की चार वैनगार्ड-क्लास पनडुब्बियों पर निर्भर थी। इस कदम को “एक पीढ़ी में ब्रिटेन की परमाणु ताकत का सबसे बड़ा विस्तार” बताया जा रहा है। नाटो शिखर सम्मेलन में प्रधान मंत्री सर कीर स्टार्मर ने इस खरीद की पुष्टि की और जोर देकर कहा कि “हर हाल में जंग की तैयारी जरूरी है।”
बढ़ते वैश्विक खतरे:
ब्रिटेन की यह आक्रामक रक्षा नीति वैश्विक तनावों के बढ़ने के कारण अपनाई जा रही है। रूस, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे देशों से बढ़ते खतरों को इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण बताया गया है। ब्रिटेन की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति ने चेतावनी दी है कि देश को अपनी धरती पर “युद्धकालीन परिदृश्य” की संभावना के लिए “सक्रिय रूप से तैयारी” करनी होगी। इसमें रूस और ईरान से बढ़ती शत्रुतापूर्ण गतिविधियों, जिसमें साइबर हमले और तोड़फोड़ शामिल है, पर भी प्रकाश डाला गया है। अमेरिकी रक्षा सचिव जॉन हीली ने कहा है कि यह खरीद “बढ़ते परमाणु जोखिमों” का जवाब है।
अमेरिका का समर्थन और सैन्य सहयोग:
अमेरिका भी इस तैयारी में सक्रिय रूप से शामिल है। हाल ही में, अमेरिका ने लगभग दो दशकों में पहली बार ब्रिटेन में परमाणु बम तैनात किए हैं, जिसे रूस के प्रति एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है। ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ ऑकस (AUKUS) गठबंधन के तहत परमाणु ऊर्जा से चलने वाली हमलावर पनडुब्बियां भी बना रहा है, जिसका उद्देश्य “ब्रिटेन के पानी की रक्षा करना” है।
समाज की भूमिका और रक्षा व्यय:
प्रधान मंत्री स्टार्मर ने कहा है कि “शांति को अब हल्के में नहीं लिया जा सकता है” और पूरे समाज को इस राष्ट्रीय प्रयास में शामिल होना होगा। उन्होंने “युद्ध के लिए तैयार, कवच-बंद राष्ट्र” के निर्माण पर जोर दिया है, जहां “समाज के हर हिस्से, इस देश के हर नागरिक की एक भूमिका होगी।” इस रणनीति के तहत, ब्रिटेन अपने रक्षा औद्योगिक आधार का पुनर्निर्माण कर रहा है और रक्षा व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 5% तक बढ़ाने का लक्ष्य बना रहा है।
कुल मिलाकर, ब्रिटेन की यह व्यापक रक्षा रणनीति एक अधिक अस्थिर और अनिश्चित विश्व में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। यह स्पष्ट है कि ब्रिटेन अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने और किसी भी संभावित खतरे का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है।