नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आयकर विभाग के पोर्टल पर पैन (PAN) और बैंक अकाउंट को लिंक करने की एक नई सुविधा शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए विभिन्न वित्तीय प्रक्रियाओं को सरल बनाना और उन्हें कई तरह के लाभ प्रदान करना है। अब तक, यह प्रक्रिया कुछ जटिल थी, लेकिन NPCI की इस नई सुविधा से टैक्सपेयर्स को सीधे तौर पर और अधिक आसानी से अपने पैन को बैंक खातों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
टैक्सपेयर्स को कैसे पहुंचेगा फायदा
NPCI की इस नई सुविधा से टैक्सपेयर्स को कई महत्वपूर्ण तरीकों से फायदा होगा:
* रिफंड प्रक्रिया में तेजी: पैन को बैंक खाते से लिंक करने से आयकर रिफंड सीधे और तेजी से टैक्सपेयर के खाते में जमा हो सकेगा। पहले, इसमें कई बार देरी होती थी या मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता पड़ती थी।
* टीडीएस/टीसीएस का सही समायोजन: विभिन्न वित्तीय लेनदेन पर काटे गए टीडीएस (TDS) और टीसीएस (TCS) का सही समायोजन सुनिश्चित होगा। जब पैन बैंक खाते से जुड़ा होता है, तो आयकर विभाग के पास आपके सभी वित्तीय लेनदेन का एक स्पष्ट रिकॉर्ड होता है, जिससे टैक्स क्रेडिट का सही मूल्यांकन हो पाता है।
* वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता: यह सुविधा वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता लाएगी। सरकार और टैक्सपेयर्स दोनों के लिए यह जानना आसान होगा कि कौन सा पैसा कहाँ से आ रहा है और कहाँ जा रहा है।
* फर्जीवाड़े पर रोक: पैन-बैंक लिंकिंग से फर्जी लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। यह वित्तीय प्रणाली में अधिक सुरक्षा और विश्वसनीयता लाएगी।
* सरल अनुपालन: टैक्सपेयर्स के लिए आयकर नियमों का पालन करना और भी आसान हो जाएगा। बैंक खातों से पैन लिंक होने से कई जानकारियाँ स्वतः ही अपडेट हो जाएंगी, जिससे मैन्युअल त्रुटियाँ कम होंगी।
* ई-सत्यापन में आसानी: आयकर रिटर्न (ITR) के ई-सत्यापन में भी यह सुविधा सहायक होगी। बैंक खाते के माध्यम से सत्यापन की प्रक्रिया और सुगम हो जाएगी।
यह कदम डिजिटल इंडिया पहल को भी मजबूत करेगा और वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ और कुशल बनाएगा। NPCI और आयकर विभाग के बीच यह सहयोग टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत है, जिससे वे अपने वित्तीय कार्यों को और अधिक सुगमता से पूरा कर सकेंगे।