Tuesday, July 1, 2025
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‘पंख पुरस्कार 2025’: भविष्य के सितारों को मिला सम्मान, विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने कहा-इन बच्चों की उड़ान ही हमारा गौरव है

रायपुर । छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभा की उपलब्धियों को आज सम्मानित किया गया। सामाजिक समावेश और प्रतिभा को पहचान देने की दिशा में ‘पंख खेल उपलब्धि पुरस्कार 2025’ ने एक नई उड़ान भरी है। साया जी होटल, रायपुर में आयोजित इस भव्य समारोह में न केवल प्रतिभाशाली बाल खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया, बल्कि यह अवसर संवेदनशील नेतृत्व और जनप्रतिनिधियों की सामाजिक प्रतिबद्धता का भी साक्षी बना।

मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता डॉ रमन सिंह ने की। मंच पर प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े, मंत्री टंकराम वर्मा मौजूद थे। विशेष अतिथि के रूप में बसना विधायक डॉ संपत अग्रवाल, विधायक पुरंदर मिश्रा उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य था राज्य के 33 जिलों से चयनित 33 उन बच्चों को प्रोत्साहित करना, जिन्होंने किसी न किसी खेल में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं, किंतु संसाधनों की कमी के कारण उनके सपनों को समर्थन की आवश्यकता है। प्रत्येक बच्चे को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि और सम्मान स्वरूप पदक प्रदान किया गया।

महासमुंद जिले की होनहार बालिका तारिणी साहू जो नेटबॉल खेलती है को मंच पर जब विधायक डॉ संपत अग्रवाल ने अपने हाथों से प्रशस्ति पत्र और मेडल के साथ ₹50,000 का चेक सौंपा, तो पूरा सभागार तालियों से गूंज उठा।

इस भावुक क्षण को साझा करते हुए विधायक डॉ अग्रवाल ने कहा, उस मासूम बच्ची के चेहरे पर जो उजाला देखा, उसने मुझे भीतर तक छू लिया। सिर्फ एक चेक देना नहीं था, बल्कि उसके सपनों को पंख देना था। मैं चाहता हूँ कि ये बच्चे अपने खेल कौशल से न केवल प्रदेश का बल्कि देश का नाम भी रोशन करें। हमारी भूमिका सिर्फ प्रतिनिधित्व तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हम सामाजिक प्रेरणा के वाहक भी बनें।

विधायक डॉ अग्रवाल ने आगे कहा कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं, जीवन निर्माण का माध्यम है। उन्होंने ऐसे आयोजनों की नियमितता पर बल देते हुए कहा कि ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों से निकलने वाले खिलाड़ियों को निरंतर समर्थन देने की आवश्यकता है। विधायक ने कहा जब जनप्रतिनिधि संवेदनशील हो जाते हैं, तो हर बच्चा उड़ान भरने को तैयार हो जाता है।

आपको बता दें कि महासमुंद जिले की रहने वाली तारिणी साहू के पिता नहीं है ।वही उसकी मां काम करती है। तारिणी साहू नेटबॉल में दो बार नेशनल खेल चुकी है और 4 बार स्टेट से मेडल मिला है ।

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