रायपुर। धरसींवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सांकरा में 17 जून को उस वक़्त हाहाकार मच गया, जब सर्विस रोड पर एक 9 वर्षीय मासूम की सड़क हादसे में मौत हो गई। इसी सड़क से रोज़ाना गुजरने वाले भारी मालवाहक वाहनों के खिलाफ गाँववाले उसी दिन सुबह से धरना प्रदर्शन कर ही रहे थे कि कुछ ही देर बाद उस मासूम की मौत ने इस आंदोलन को जनचेतना की चिंगारी में बदल दिया।
दबाव और संवेदना की ताकत बनकर उभरा The 4th Pillar News, जिसने मौके पर पहुंचकर घटना को न केवल गहराई से कवर किया, बल्कि आवाज़ उठाई – “सड़क सिर्फ वाहनों की नहीं, ज़िंदगियों की भी होती है।”
प्रशासन ने मानी माँग, The 4th Pillar News की रिपोर्टिंग का दिखा सीधा असर
हादसे के दूसरे ही दिन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना अधिकारी राममूर्ति, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात) डॉ. प्रशांत शुक्ला और धरसींवा थाना प्रभारी राजेंद्र दीवान की टीम ने सांकरा पहुँचकर स्थलीय निरीक्षण किया।
मासूम की मौत के बाद जागा प्रशासन,भारी वाहन अब नहीं उतरेंगे सर्विस रोड पर
इसके परिणामस्वरूप—
- धनेली-सांकरा अंडरब्रिज सर्विस रोड पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया।
- सीमेंट के ब्लॉकर और गड्ढे की व्यवस्था कर वाहनों के जबरन प्रवेश को रोका गया।
- सांकरा तालाब के पास मुख्य मार्ग से नया एप्रोच बनाया गया जिससे मालवाहक वाहन सीधे कंपनियों तक पहुँच सकें।
- सर्विस रोड के चौड़ीकरण और अंडरपास निर्माण का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजने की घोषणा की गई।
जनआंदोलन से जननीति तक: सड़क की लड़ाई का नया अध्याय
अब जबकि भारी वाहनों को सीधे गांव के आरपार प्रवेश करने से रोका जा रहा है, ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। सड़क पर चलना अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।
The 4th Pillar News की जमीनी रिपोर्टिंग ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि सही सवाल और सही समय पर उठाई गई आवाज़ सत्ता के गलियारों को झकझोर सकती है।