Tuesday, July 1, 2025
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प्राध्यापक भर्ती में छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों के साथ छल,नियमों की मन मानी व्याख्या से बढ़ा विवाद

रायपुर । उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राध्यापक के 595 पदों हेतु छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा प्रायोजित भर्ती परीक्षा में छत्तीसगढ़ के निवासियों से भेदभाव और षडयंत्र पूर्वक छल करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ के पात्र अभ्यर्थियों को प्राध्यापक बनने से रोकना चाहती है और इसीलिए निर्धारित योग्यता के मापदंडों को त्रुटि पूर्ण तरीके से परिभाषित करके स्थानीय निवासियों का अहित कर रही है। सरकार के छत्तीसगढ़िया विरोधी षड़यंत्र पर अमल करने उच्च शिक्षा विभाग, भर्ती के लिए तय नियमों की गलत व्याख्या कर रही है। वैकल्पिक योग्यता को अनिवार्य बताकर छत्तीसगढ़ के पात्र अभ्यर्थियों को बाहर करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। लोक सेवा आयोग द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन में पीएचडी गाइड होने के साथ-साथ उनके द्वारा किसी छात्र को पीएचडी करवाने का प्रमाण भी मांगा जा रहा है, जो स्पष्ट तौर पर नियमों की गलत व्याख्या है।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़िया विरोधी है, स्थानीय युवाओं के हित की विरोधी है और यह सरकार छत्तीसगढ़ के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को आउटसोर्स करके बेचना चाहती है, यही कारण है कि बेवजह किंतु-परंतु लगाकर, पूर्व से निर्धारित नियमों की गलत व्याख्या करके, छत्तीसगढ़ के स्थानीय प्रतिभागियों का अहित करके बाहर के लोगों को यहां पर नौकरी में भर्ती करना चाहती है।

प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़िया विरोधी षड्यंत्र और दुर्भावना के चलते छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में संचालित महाविद्यालय में सेवा दे रहे सहायक प्राध्यापकों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के दुरुस्त क्षेत्रों में कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जो स्थानीय महाविद्यालय में 10 वर्ष का शैक्षणिक अनुभव है तो रखते हैं लेकिन संसाधन और सुविधा के अभाव में उन्हें शोध निर्देशक बनने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाता। ऐसे में नियमतः शैक्षणिक अनुभव और अनुसंधान का प्रकाशन आवश्यक होना चाहिए, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग शोध निर्देशक के वैकल्पिक योग्यता को अनिवार्य बताकर छत्तीसगढ़ के पात्र अभ्यर्थियों को प्रोफेसर बनने से रोकना चाहती है ताकि बाहरी लोगों को पद बेचा जा सके।

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