रायपुर । पुलिस ने रेलवे पुलिस में पदस्थ प्रधान आरक्षक जय कुमार वर्मा को ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने का आरोप है।
मामले का संक्षिप्त विवरण
पीड़ित महेन्द्र सिंह मानसर, निवासी अकलतरा, जिला जांजगीर-चांपा, ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2017 में छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा आरक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। प्रार्थी ने अपने भाई भूपेन्द्र सिंह मानसर का आवेदन राजनांदगांव जिला पुलिस बल में जमा कराया था।
इस दौरान बिलासपुर रेलवे स्टेशन में आरोपी जय कुमार वर्मा, जो छत्तीसगढ़ रेलवे पुलिस में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ था, से प्रार्थी की मुलाकात हुई। आरोपी ने प्रार्थी को भरोसा दिलाया कि वह उसके भाई को आरक्षक पद पर नौकरी दिलवा सकता है और इसके बदले 10 लाख रुपये की मांग की।
वर्ष 2018 में दिया गया था पैसा
पीड़ित, जो एक पैर से विकलांग है, अपनी घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अपने भाई की नौकरी की उम्मीद में अपनी कृषि भूमि गिरवी रखकर आरोपी को रकम देने के लिए तैयार हो गया।
6 सितंबर 2018 को पीड़ित ने 9 लाख रुपये नगद दिए, जिसमें मनोज मिंज नामक युवक की मां द्वारा भी 3 लाख रुपये नगद दिए गए। इसके अलावा, बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास एटीएम से 1 लाख रुपये निकालकर आरोपी को दिए गए।
आरोपी ने पुलिस विभाग में भर्ती कराने का झूठा आश्वासन दिया, लेकिन भूपेन्द्र सिंह मानसर और मनोज मिंज चयनित नहीं हुए। जब प्रार्थी ने रकम की वापसी की मांग की, तो आरोपी ने टालमटोल शुरू कर दी।
कुछ लोगों ने आरोपी से अपनी जमीन बेचकर रकम वापस ली, जबकि पीड़ित को केवल 2 लाख रुपये 2019 में शादी के दौरान वापस मिले। बाकी रकम की मांग पर आरोपी ने कोई जवाब नहीं दिया और आर्थिक धोखाधड़ी की।
पुलिस ने 440/25, धारा 420 भादवि के तहत मामला दर्ज कर जय कुमार वर्मा को 15 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।
गिरफ्तार आरोपी
जय कुमार वर्मा, पिता केजूराम वर्मा, उम्र 40 वर्ष निवासी कडार, पोस्ट सेमार, थाना चकरभाठा, जिला बिलासपुर हाल शांति नायक का मकान, डब्ल्यू आर एस