शराब घोटाले में चैतन्य बघेल को न्यायिक रिमांड,1000 करोड़ की शराब लूट में बड़ी गिरफ़्तारी
शराब घोटाले की सियासी तपिश बढ़ी: चैतन्य बघेल को कोर्ट ने भेजा सलाखों के पीछे

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरोपी चैतन्य बघेल को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें रायपुर सेंट्रल जेल में 4 अगस्त तक के लिए रखा जाएगा। आज विशेष न्यायालय में पेशी के दौरान अदालत ने यह आदेश सुनाया।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को ईडी की टीम ने भिलाई स्थित उनके निवास से चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां पांच दिनों की रिमांड मिली थी। रिमांड अवधि के दौरान ईडी कार्यालय में पूछताछ जारी रही। पूछताछ पूर्ण होने के बाद आज फिर से न्यायालय में पेशी हुई, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
ईडी की कार्रवाई से पहले 18 जुलाई की सुबह, ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर छापेमारी की थी। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी का जोरदार विरोध किया। भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच ईडी की टीम चैतन्य को लेकर रायपुर रवाना हुई।
पचपेड़ी नाका स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी का विरोध किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं द्वारा टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया, जिसके चलते पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच मामूली झड़प भी हुई।
ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को प्रदेशभर में आर्थिक नाकेबंदी कर चक्काजाम किया। इससे पहले शनिवार को राजीव भवन में प्रेसवार्ता कर इसकी घोषणा की गई थी। प्रेसवार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और ईडी पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया।
पूर्व सीएम ने कहा 18 जुलाई को ईडी मेरे निवास पहुंची और चैतन्य को गिरफ्तार कर ले गई। पहले देवेंद्र यादव, फिर कवासी और अब चैतन्य को निशाना बनाया जा रहा है। जबकि चैतन्य का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। यह लड़ाई किसी एक व्यक्ति की नहीं, पूरे प्रदेश की है।
कांग्रेस ने केंद्र की डबल इंजन सरकार पर लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन को प्रदेश की गरिमा की लड़ाई बताया है।