समाजसेवा की मिसाल : सूरज टंडन ने किया 35वीं बार रक्तदान, युवाओं से की सतत योगदान की अपील
रक्तदान में उम्र से आगे निकले सूरज टंडन, 35वीं बार बहाया जीवनदायिनी बूंदें

डॉ. अम्बेडकर समता रत्न सम्मान से सम्मानित सूरज ने युवाओं को किया प्रेरित
रायपुर । क्षेत्र के युवा समाजसेवी एवं भाजयुमो नेता सूरज टंडन ने अपने जीवन का 35वां रक्तदान कर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया। 33 वर्षीय सूरज ने वर्षों पूर्व यह संकल्प लिया था कि वे अपने उम्र से अधिक बार रक्तदान करेंगे और आज उन्होंने उस संकल्प को साकार कर दिखाया।
सूरज टंडन ने रक्तदान के बाद कहा कि रक्त किसी फैक्ट्री या मशीन से नहीं बनता, यह केवल मानव शरीर में ही तैयार होता है। यदि हमारे रक्त से किसी को जीवन मिल जाए, तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं।उन्होंने युवाओं से नियमित रक्तदान करने की अपील करते हुए इसे मानवता की सबसे बड़ी सेवा बताया।
सूरज टंडन को समाजसेवा के क्षेत्र में डॉ. अम्बेडकर समता रत्न सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। उनके नेतृत्व में कोरोना काल के दौरान, 2 नवम्बर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रक्तदान शिविर में 100 यूनिट से अधिक रक्त एकत्रित किया गया था।
उनकी इस सामाजिक पहल की सराहना पूरे धरसींवा क्षेत्र में हो रही है। जनप्रतिनिधियों से लेकर आम नागरिकों तक, सभी उन्हें बधाई दे रहे हैं और उनके कार्यों को प्रेरणास्रोत मान रहे हैं।