मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने नया संकल्प किया है। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू जातपात छोड़कर एकता के सूत्र में नहीं बधेंगे, तब तक वह पैरों में खड़ाऊ नहीं पहनेंगे। इसके अलावा बाबा ने पद यात्रा के दौरान फूल माला भी नहीं पहनने का संकल्प किया है।
बाबा बागेश्वर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात की जानकारी दी
बाबा बागेश्वर 165 किलोमीटर पैदल चलकर ओरछा रामराजा सरकार के मंदिर में समापन करेंगे। यात्रा में बाबा का संकल्प है कि जब तक हिंदू जातपात छोड़कर एकता के सूत्र में नहीं बधेंगे तब तक वह खडाऊ पैरों में नहीं पहनेंगे। बाबा का आदेश है कि पैदल यात्रा में कोई उन्हें फूल माला भी न पहनाए।
यात्रा में सभी धर्म के लोग हो सकते हैं शामिल: धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि इस सनातन यात्रा में सब धर्मों के लोग शामिल हो सकते हैं। चाहे वह मुसलमान हो या फिर ईसाई। क्योंकि इस देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोग पहले हिंदू ही थे। बाद में वह कन्वर्ट हो गये। वह किसी भी धर्म के लोगों को यात्रा के लिए पीले चावल नहीं देंगे। क्योंकि उनका जो संकल्प है वह बहुत बड़ा है। जब तक वह हिंदुओं को जगा नहीं देंगे तब तक यात्रा करते रहेंगे, क्योंकि यदि एक नहीं हुए तो बांग्लादेश जैसा हिंदुओं का हाल होगा।
इन लोगों को जगाना चाहते हैं बाबा बागेश्वर
छतरपुर में बाबा बागेश्वर ने कहा कि सोते हिंदुओं को जगाने हिंदू सनातन एकता यात्रा निकाल रहा हूं। पांच सौ साल हिंदू भगवान राम के मंदिर के लिये सोता रहा था। ऐसे हिंदुओं को जगाना, हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार ऐसे हिंदूओ को जगाना, हिंदूओ के गला काटा जा रहा है ऐसे हिंदुओं को जगाने निकाल रहे हैं।