हरेली परंपरा में गूंजी संस्कृति की आवाज, मुख्यमंत्री निवास में पूजन का आयोजन
लोक परंपराओं की फिर से जगाई लौ,मुख्यमंत्री निवास में पहली बार हरेली पूजा ने संस्कृति की आत्मा को छुआ

रायपुर। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के प्रथम पर्व ‘हरेली’ पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में पारंपरिक विधि-विधान से गौरी-गणेश, नवग्रह की पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया। हरेली की पवित्रता और ग्रामीण जीवन की आत्मा से जुड़ी इस परंपरा में लोक संस्कृति की गूंज साफ सुनाई दी।
मुख्यमंत्री निवास में पहली बार हुए हरेली पूजन में भिलाई निवासी ग्रेजुएट युवती धनिष्ठा शर्मा ने अपने बड़े भाई दिव्य शर्मा के साथ मंत्रोच्चार के माध्यम से भगवान शिव का अभिषेक कराया। उनकी श्रद्धापूर्ण प्रस्तुति ने मुख्यमंत्री साय सहित समस्त अतिथियों को भावविभोर कर दिया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह,विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री राम विचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े तथा राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा की गरिमामय उपस्थिति ने आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना दिया।
मुख्यमंत्री ने हरेली पर्व के प्रतीकात्मक पहलुओं को सजीव करते हुए खेती-किसानी में उपयोग होने वाले नांगर, रापा, कुदाल व अन्य कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा की। उन्होंने प्रदेश के किसानों और समस्त छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि की मंगलकामना की।
पशुधन संरक्षण के संदेश को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री साय ने गाय और बछड़े को पारंपरिक लोंदी और हरा चारा खिलाया। उन्होंने कहा, हरेली केवल किसानों का पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन से हमारे गहरे रिश्ते का प्रतीक है।
उन्होंने उल्लेख किया कि गेहूं के आटे, नमक और अरंडी के पत्तों से बनी लोंदी खिलाने से पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाव मिलता है और उनकी सेहत बनी रहती है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपनी परंपराओं से जुड़ने और पशुधन संरक्षण को प्राथमिकता देने की अपील की।
कार्यक्रम में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी परिवेश और पूजा-पद्धति की जीवंत झलक देखने को मिली। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा को अभिव्यक्ति देने वाला एक प्रेरणास्पद क्षण बन गया।