Tuesday, June 3, 2025
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9000 पदों पर शिक्षकों की भर्ती का दावा झूठा, विगत 17 महीनों में एक भी पद पर नियमित शिक्षक की नई नियुक्ति नहीं : सुरेंद्र वर्मा

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रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रदेश में 9000 से अधिक पदों पर शिक्षकों की भर्ती के दावे को पूरी तरह से झूठ और निराधार बताते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार शिक्षा विरोधी है, सरकारी शिक्षण संस्थानों को बर्बाद करने का षड्यंत्र कर रही है। शिक्षा विभाग में हर माह हजारों की संख्या में शिक्षक रिटायर हो रहे हैं लेकिन 17 महीने की साय सरकार के दौरान एक भी पद पर नियमित शिक्षक की भर्ती नहीं की गई, उल्टे बस्तर, सरगुजा के दुरुस्त अंचलों में वर्षों से सेवा दे रहे विद्या मितान, अतिथि शिक्षक और संविदाकर्मी हजारों की संख्या में निकाल दिए गए।

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को केवल मिस्ड कॉल करने वाले कार्यकर्ता चाहिए, जो सवाल न पूछे ऐसी जनता चाहिए और इसीलिए भाजपा की सरकार छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है।

युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिया गया, नए फरमान जारी कर सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षक के न्यूनतम पदों की संख्या घटा दी गई, छात्र शिक्षक अनुपात को बढ़ाकर शिक्षकों के कुल पदों में से एक तिहाई पद को समाप्त कर दिया गया, जिसके चलते जो युवा डीएड, बीएड प्रशिक्षित प्रतिभागी जो सरकारी सेवा में शिक्षक के रूप में चयनित होने तैयारी कर रहे हैं, उनके रोजगार के अधिकार को बाधित कर रही है साय सरकार। सरकार के दुर्भावना के चलते सीधे तौर पर लगभग 45 हजार से अधिक शिक्षकों के पद विलोपित किये जा रहे है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि जिस तरह से पूर्ववर्ती रमन सिंह की सरकार में 3000 से अधिक सरकारी स्कूलों को बंद किया गया, प्रत्येक जिलों में संचालित मॉडल स्कूलों को निजी क्षेत्र की संस्था डीएवी को बेचा गया, उसी तर्ज पर वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की साय सरकार एक बार फिर युक्तिकरण और नए सेटअप के नाम पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर रही है। सरकार की दुर्भावना के चलते प्रदेश के शिक्षक, छात्र, पालक और शिक्षाविद सभी दुखी है। सरकार व्यवस्था सुधारने के बजाय फर्जी दावे करके अपने गलत निर्णयों पर परदेदारी करने का कुत्सित प्रयास कर रही है।

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