
रायपुर । मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से, ब्लू बर्ड फाउंडेशन द्वारा विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर एक प्रेरणादायक पैनल चर्चा और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की थीम थी।”बाधाएं तोड़ना, आवाज़ों का उत्सव मनाना”।

प्रमुख उपस्थितियाँ और वक्तव्य
कार्यक्रम में बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा और छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने विशेष उपस्थिति दर्ज की।
ब्लू बर्ड फाउंडेशन की निदेशक सुधा वर्मा, जो छत्तीसगढ़ की पहली महिला पैड निर्माता हैं, ने कहा, “हमारा उद्देश्य जागरूकता फैलाना और मासिक धर्म से जुड़ी चुप्पी को तोड़ना है, ताकि कोई भी लड़की इस प्राकृतिक प्रक्रिया को लेकर शर्म महसूस न करे।”
होटल पाम क्लब इन एवं रूफटॉप वेलनेस की संचालिका, सोना काळे ने मेन्टल हेल्थ पर चर्चा की आवश्यकता को रेखांकित किया।
विचारोत्तेजक पैनल चर्चा
स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज से जुड़े विभिन्न विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी…..
- डॉ. संजना अग्रवाल (स्त्री रोग विशेषज्ञ)— मासिक धर्म को अशुद्ध मानने की भ्रांति को तोड़ा।
- डॉ. उज्ज्वला वर्मा (त्वचा रोग विशेषज्ञ)— लंबे समय तक सैनिटरी पैड इस्तेमाल करने से होने वाले नुकसान बताए।
- डॉ. निमिषा काळे (स्वास्थ्य कार्यकर्ता)— विद्यालयों में मासिक धर्म शिक्षा को अनिवार्य करने पर जोर दिया।
- मिस आस्था वर्मा (अमानत सह-संस्थापक)— कमजोर वर्ग की लड़कियों को प्रभावित करने वाले मिथकों की चर्चा की।
- प्रियंका शर्मा (पुलिस निरीक्षक)— मासिक धर्म से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य और आत्मविश्वास पर प्रकाश डाला।
- स्निग्धा चक्रवर्ती (माँ फाउंडेशन)— मासिक धर्म को स्वच्छ प्रक्रिया बताते हुए सामुदायिक शिक्षा पर जोर दिया।
सम्मान समारोह
कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। आयोजकों ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया, जिससे मासिक धर्म स्वच्छता पर खुली चर्चा को बढ़ावा मिले और समाज में जागरूकता फैले।