रायपुर । दलदल सिवनी स्थित अवनी विहार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस में काशी से आए पंडित आचार्य शिवादास जी महाराज ने बतलाया कि किसी वस्तु की महिमा पर तभी विश्वास होता है, जब उसके महत्व का ज्ञान होता है ।
प्रथम दिवस में महाराज ने कथा की महिमा को बतलाया, कि इस कथा की महिमा क्या है। और इस कथा को सुनकर कैसे-कैसे पापी तर गए और पाप मुक्त हो गए।
पंडित शिवादास जी ने भागवत कथा के प्रवचन में कहा कि इस कथा के प्रभाव से धुंधकारी जैसा पापी भी तर सकता है। यानि जो पापियों की श्रेणी में महा पापी हो, उत्तम कोटि का पापी हो, वह पापी भी इस कथा को सुनकर अपने जीवन का कल्याण कर सकता है ।
सारी कामनाओं को पूर्ण करने वाला यह श्रीमद् भागवत ग्रंथ है जिस भी कामना से कथा का आयोजन होता है । वह कामना अवश्य पूरी होती है। श्रीमद् भागवत कोई ग्रंथ नहीं साक्षात भगवान श्री कृष्ण है।
संगीतमय भजनों के साथ आचार्य शिव दास महाराज जी ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तजन और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।