कुत्ता खरीदने मां ने नहीं दिए पैसे, बेटे ने हथौड़ी से की हत्या, पत्नी को भी मारा

रायपुर । थाना उरला क्षेत्र के नागेश्वर नगर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक सनकी पुत्र ने कुत्ता खरीदने के लिए 200 रुपए नहीं देने पर अपनी मां की हथौड़ी से वार कर हत्या कर दी और पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया। आरोपी प्रदीप देवांगन (45) ई-रिक्शा चलाता है।घटना के बाद आरोपी फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी ने जर्मन शेफर्ड कुत्ता खरीदने के लिए 70 वर्षीय मां गणेशी देवांगन से 200 रुपये मांगे। मां के इनकार करने पर आरोपी ने आपा खो दिया और घर में पड़े हथौड़े से वार कर मां की बेरहमी से हत्या कर दी।वारदात यहीं नहीं रुकी। बीच-बचाव करने आई पत्नी रामेश्वरी देवांगन (35) पर भी आरोपी ने हमला कर घायल कर दिया। घटना के वक्त घर में मौजूद 15 वर्षीय बेटे ने किसी तरह बीच-बचाव कर मां को बचाने की कोशिश की और फिर भागकर लोगों को सूचना दी। जब तक मोहल्ले वाले पहुंचे, आरोपी फरार हो चुका था।

गंभीर रूप से घायल मां को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घायल पत्नी की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है और वह बातचीत करने की स्थिति में है।

आरोपी प्रदीप के तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी। घटना के बाद से ही पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी हुई है। मामला बेहद संवेदनशील और झकझोर देने वाला है। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध हत्या और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है। उरला थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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