Tuesday, June 3, 2025
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भाजपा पार्षद पति को 5 साल की सजा,पटवारी के साथ की थी मारपीट

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रायपुर । रायपुर नगर निगम के MIC सदस्य के पति और पूर्व भाजपा पार्षद आकाश दुबे को अदालत ने 5 साल की सजा सुनाई है। उनके साथ आरोपी श्याम साहू को भी समान सजा और 5 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया है। यह फैसला जिला अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया।वर्तमान में आरोपी की पत्नी सरिता दुबे निगम में MIC मेंबर है।

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7 साल बाद 5 साल की सजा

यह मामला 7 साल पुराना है।रायपुर कोर्ट में इस मामले में करीब 7 साल तक सुनवाई चली। जिसके बाद शुक्रवार को जिला अपर सत्र न्यायाधीश ने आकाश और उसके एक साथी श्याम साहू को 5 साल की जेल और 5 हजार का अर्थदंड सुनाया गया।

जब आकाश दुबे ने डीडी नगर क्षेत्र में एक जमीन सीमांकन के दौरान राजस्व निरीक्षक और पटवारी के साथ मारपीट की थी। घटना को लेकर डीडी नगर थाने में IPC की धारा 294, 506, 186, 353, 332 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।पीड़ित अधिकारियों के बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने आकाश दुबे और श्याम साहू को दोषी करार दिया।

बता दें कि आकाश दुबे की पत्नी सरिता दुबे वर्तमान में पार्षद हैं और रायपुर नगर निगम की MIC सदस्य भी हैं। इस सजा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

यह था पूरा मामला

बता दे सुंदर नगर में जय नारायण शुक्ला की जमीन का सीमांकन करने के लिए राजस्व निरीक्षक (आरआई) राजेंद्र चंद्राकार, किशोर वर्मा और पटवारी की टीम पहुंची थी। उन्होंने जैसे ही सीमांकन शुरू किया। बाजू वाले प्लॉट के मालिक सुरेशचंद्र आर्य के करीबी एसपी साहू आपत्ति करने आ गए। काफी देर तक वे जमीन का सीमांकन नहीं करने पर अड़े रहे। इस बीच उनकी अफसरों से तीखी बहस हुई। अफसरों ने उन्हें बताया कि तहसीलदार के आदेश पर सीमांकन करने आए हैं, अगर उन्हें इसमें कोई आपत्ति है तो लिखित में तहसीलदार के पास शिकायत करें। उनके आदेश पर ही सीमांकन की कार्रवाई रोकी जाएगी।

इस पर एसपी साहू भड़क गए। उन्होंने अपने परिचित ब्राह्मणपारा वार्ड के भाजपा पार्षद आकाश दुबे को फोन कर पूरी जानकारी दी। थोड़ी ही देर में पार्षद दुबे अपनी कार से वहां पहुंचे। गाड़ी से उतरते ही वे आरआई वर्मा को धमकी देने लगे कि तीन दिन पहले भी उन्हें मना किया था कि इस जमीन का सीमांकन नहीं करना है, तो वे फिर क्यों आ गए? उन्होंने उनसे गाली गलौज शुरू कर दी और ट्रांसफर कराने की धमकी देने लगे। सीनियर आरआई राजेंद्र चंद्राकार ने स्थिति बिगड़ती देखकर बीच बचाव का प्रयास किया। पार्षद उन पर भड़क गए और उनसे गाली गलौज और हाथपाइ शुरू कर दी।

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